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________________ .... स्वर्गीय पुरोहित हरिनारायण 'विद्याभूषण' ग्रन्थ-संग्रह-सूची - ... कर्ता . विशेष विवरण आदि लिपिसमय । पत्रसंख्या क्रमांक ग्रन्थनाम .. १८वीं श० | १-१७२ १७२-२६७ २६७-३१५ " वावा. वनारसीदासके थांभेमें सनेहीराम खानपरिकाकी लिखी शरबती रंगकी प्रांटीदार छींटका गत्ता। १८४८ | १-१५१ विक्रमी १८४८ विक्रमी , १८४६ १५२-१८२ १ गुटका (३ कृतियाँ) (१) दादूवारणी (साखी) अंग ३७ वादू दयाल (२) दादूपद (राग २७; पद ४४०) (३) कबीर परचई. अनन्तदास गुटका (३२ कृतियाँ). . . (१) दादूदयालजीकी वाणी (२४२३ साखी और २४ अङ्ग) (२) दादूदयालजीका पद (शब्द) (४४० पद और २६ राग) (३) कबीरजीकी साखी कबीर (९१६ साखी और ५८ अङ्ग) (४) कबीरजी का पद (४२१ पद और ७ रमणी) (५) नामदेवजीका पद नामदेव (१५० पद, राग १५) (६) नामदेवकी साखी १३ (७) रैदासजीका पद (७१ पद और २ साखी) (८) हरिदासजीका पद ६४, रमैणी १ / हरिदास (8) दादूजीको ४० साखियों पर आध्यात्मिकटीका (कायावेली ग्रन्थ) १८३-२४७/ २४०-२६५ २६५-२७६ रैदास २७६-२६५ २६५-३१७
SR No.010606
Book TitleVidyabhushan Granth Sangraha Suchi
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGopalnarayan Bahura, Lakshminarayan Goswami
PublisherRajasthan Prachyavidya Pratishthan Jodhpur
Publication Year1961
Total Pages225
LanguageHindi
ClassificationCatalogue
File Size9 MB
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