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________________ [ १६२ राजस्थान प्राच्यविद्याप्रतिष्ठान-विद्याभूषण-ग्रन्य-संग्रह-सूची ) क्रमाङ्ग ग्रन्थनाम कर्ता लिपिसमय | पत्रसंख्या | .:.:-विशेष विवरण आदि . i०.4.4. ८२१ / कोलगजमर्दन कृष्णानन्दाचल, कैलासा १९२३ वाराणसी संस्कृत यन्त्रालयमें मुद्रित । चलयतिशिष्य जगन्नाथशतफ (भाषापद्यबद्ध) महाराजा रघुराजसिंहदेव | १६५८ २८ पेज | रचना-सं० १९१४ । भारतभ्राता प्रेस, (रीवां नरेश) १६०२ | रीवांमें मुद्रित । बाल-कालिदास (सुभाषित संग्रह) पं. रूपनारायण पाण्डेय सन् १९२२६७ , | इण्डियन प्रेस, लिमिटेड, प्रयाग (बनारसनाञ्च) में मुद्रित। महायोरचरितम् (नाटकम्). महाकवि भवभूति | : १६२६ २३४-+-७पेज निर्णयसागर प्रेस, बम्बईमें मुद्रित। (१) जयपुरविलासः (काव्य) वैद्य श्रीकृष्णरामकवि "१८८७ ५८ पेज (२) मुक्तकमुक्तावली , (३) सारशतकम् (पञ्चमहाकाव्यानाम्) संस्कृतरस्नमाला परमानन्ददेव १६१६ १६०६३ ५२८ संस्कृतमञ्जरी १९वी.श.५ सप्ता श्लोक १९२१२ गोरामो विनतानन्द कृन्महेश्वरयल्लभः । सत्पक्षभुत्कामवश्च वीनेशन समो भवान् ॥१ इस श्लोकफी सात प्रकार की व्याख्या की गई है । लि.फ.-जोसी परमसुख भीमटोडानगरे । ८२७ G..W २२६
SR No.010606
Book TitleVidyabhushan Granth Sangraha Suchi
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGopalnarayan Bahura, Lakshminarayan Goswami
PublisherRajasthan Prachyavidya Pratishthan Jodhpur
Publication Year1961
Total Pages225
LanguageHindi
ClassificationCatalogue
File Size9 MB
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