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________________ [ १०८ .. रामपान प्रापिशाप्रतिष्ठान --- शियाभरण-गन्य-संग्रह-सूची । विशेप विवरण आदि लिपिसमय पत्रसंख्या कर्ता अम्बनाम १६४ शिशुयोग व्याकरण " १६६ इन्चरत्नावली .. १६७ वैद्यकोपचारसंग्रह १६६ १६८/ विष्णपूजनप्रयोग (संक्षिप्त) | नवरत्नकाव्यम् (पद्यात्मभाषानुवाद सहितम्) ... २०० संडेलवालोंकी उत्पत्ति फाशीनाथ १९६१ ११ लि.क.-रामप्रताप शर्मा, मनोहरपुरनिवासी। हरिरामदास निरंजनी । १८४८ .२३ | र.का.-१७९५ । स्थान-डीडवांणा । लि.क.डीडवाणिया रुघनाथदास निरंजनी माधुपुरमध्ये। महाराज गसिंह र.का.-१६६५ । लि फ.-सुखदेव । इस प्रथमें स्वर्णादिधातु बनानेको भी विधि लिखित और पाकादिका विस्तृत वर्णन है । (सं०) | १९वी.श.६ | २०वीं श. १२ इसमें पाये हुए एक पडके अनुवादक पं. सरयूप्रसाद मिश्र हैं ? श्रीहरिनारायणजी लि.फ.-श्रीनारायण पुरोहित । पुरोहित १९७२ १० कवि नरपति । १९७३ .५३ लि.फ.-श्री गणेश, श्री हरिनारायणजी पुरो हितजी पठनार्थ । पुरोहित, हरिनारायणजी १२+६-१८. संगृहीत | पेज अनुवादक- हरिनारा- २०वीं श. ४ दिनाङ्क-७-२-१९१४ ई. राजपूतगजटसे मुंशी यणजी पुरोहित देवीप्रसादजी द्वारा उर्दू में उद्धृत। .... पण्डितराजकी जीवनीका विश्लेषणात्मक संस्कृतलेख। : ................ २०१/ जैनी खंडेलवालोंके, १४ गोत्र २०२ विक्रमादित्यकथा हरिसारिणी (कवित्तरामायणसार माला) १०६ छन्द ,२०४ गोगा चोहान (गोगा पोर) २०५ पण्डितराजजगन्नायः
SR No.010606
Book TitleVidyabhushan Granth Sangraha Suchi
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGopalnarayan Bahura, Lakshminarayan Goswami
PublisherRajasthan Prachyavidya Pratishthan Jodhpur
Publication Year1961
Total Pages225
LanguageHindi
ClassificationCatalogue
File Size9 MB
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