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१६ वांकदिासरी ख्यात
[१५७-१२८ ११७ देवडी माणकदेजी पीहररो नाव पदमाबाई जिणरै बेटा तीन-मालदे १,
वैरसल २, मानसिंच ३। ११८ गागोजीरी बेटी राय कवरवाई चित्तोड विक्रमाईतनू परणायी। ११९ गागाजीरी वेटी सोनबाई जेसळमेर रावळ लूणकरणनू परणायी।
राव मालदे १२० राव मालदेजी सवत १५६८ रा पोस वद १ रो जनम . सवत १५८८ रा
सावण सुद १५ पाट वैठा राव मालदेजी सबत १५९२ रा माह वद २ नागोर खानू मारियो, नागोर लियो . सवत १५९४ रा असाढ वद ८ सिवागो लियो, डुगरसी जैतमाल कनासू सवत १५९६ रावजी वीरा सीवलनू
मार भाद्राजण लिवी । १२१ सवत १५९८ वीकानेर लियो कूपोजी फौज ले गया हुता चैत वद ५
जैतसी मारियो . सवत १५९८ चैत वद १२ रावजी पधारिया बीकानेर .
जूझणू फनपुर कूपाजीनूं वधारामे दिया। १२२ पत्रोळी अभो जाजावत मालदेजीरै कामेती। १२३ सवत १६०२ रावजी डूंगरसी मीरोत कनातूं किवी फळोधी। १२४ सवत १६०८ रावजी पोहकरण लिवी । १२५ जैतैनी कूपैजी वीरमदे दूदावतनू मेडतै रियासू अजमैरसू डीडवाणा माहसू
वाली मासू काढियो। बोला वीरमदेजी कह्यो- कूपाजी | अठासू तो थाहरो काढियो नही जासूं , मरसू कुपैजी कह्यो- तो मारसा जद जैतेजी कूपाजीनू कह्योवीरमदेनू मारणो नही, वीरमदे वडो रजपूत है, जीवतो रयो तो कयाहिकनू
माण आपणो मरण सुधारसी। १२७ उठासू वीरमदे माइवरा पातसाह कनै गयो उण खरची दिवी
पछै पूरवमें जाय सूर पातमाहनू आणियो। १२८. सूर पानसाह आयो जद वसी मिरोही मेली असी हजार घोडासू रावजी बाबर जाय डेरा किया।
दूहो-साह आलम मावाहियो, मालो अमळीमाण ।
वै पतमाह क ईग्विया, पिड दाखवसी पाण।
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