SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 8
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ अमर-सूक्ति-सुधा साहित्य में अतीत काल की प्रेरणा, वर्तमान काल का प्रतिविम्व और भविष्य काल की सुनहरी आशा होती है। - जो व्यक्ति जितनी अधिक तीव्रता से प्रेम करता है, उसे उतना ही अधिक कष्ट सहन करना पड़ता है । क्योंकि प्रेम सदा वलिदान के आधार पर ही पनपता है। मनुष्य जव शरीर के प्रलोभनों से ऊँचा, वहुत ऊंचा, उठ जाता है, तभी वह आत्मा के दिव्य आलोक की आभा को अधिगत करने में सफल हो सकता है। विचार, साधक के पथ के अन्धकार को नष्ट करने वाला आलोक है, और प्राचार, जीवन की उस शक्ति का नाम है, जो सावक में अवश्य होनी चाहिए। धर्म का आधार है-भावना, दर्शन का आधार है-बुद्धिप्रसूत तर्क, कला का आधार है—मानवी मन की अभिरुचि, और संगीत का आधार है-मन की मस्ती।
SR No.010597
Book TitleAmarmuni Upadhyaya Vyaktitva evam Krutitva
Original Sutra AuthorN/A
AuthorVijaymuni Shastri
PublisherSanmati Gyan Pith Agra
Publication Year1962
Total Pages225
LanguageHindi
ClassificationSmruti_Granth, Biography, & Literature
File Size10 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy