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________________ व्यक्तित्व और कृतित्व स्वतन्त्रता का चमकता हुग्रा, उज्ज्वल प्रकाश ग्राज भी देख सकते है - सौभाग्य से यदि कोई देखना चाहे तो ! १४ परन्तु ग्राज क्या है ? ग्राज साधु-संघ परतन्त्र है | इधर-उधर की शृङ्खलाओं से जकड़ा हुआ है । वह ग्रनन्त गगन में उन्मुक्त विहार करने वाला पक्षी पिंजरे में वन्द है । पता नहीं, अपने साधुजीवन सम्वन्धी निर्णय करने में भी वह क्यों इधर-उधर देखता है ? उसके पथ में इधर-उधर से क्यों दखल दिया जाता है ? वह क्यों नहीं इधर-उधर की वावात्रों को चुनौती दे सकता ? वह क्यों दूसरों के वैधानिक निर्णयों के समक्ष अपना सिर झुकाए हुए है ? वह अपने भाग्य को दूसरों के हाथों में देकर क्यों इतना लाचार और देवा हो रहा है ? दुर्भाग्य से वह अपना पथ भूल गया है । अपना अधिकार खो बैठा है । ग्रपने ग्रासन से नीचे उतर आया है । यह सब उसके महान् भविष्य के लिए खतरे की घंटी है । काण, ग्राज का साधु-संघ ग्रपने कर्त्तव्य को, अपने गौरव को पहचान पाता ! जैन साधु-संघ का प्रतीतकाल महान् रहा है । वह दूसरे साधुत्रों की पेक्षा अधिक स्वतन्त्र रहा है, सर्वतः उन्मुक्त भी। उस पर एक मात्र भगवान् की आज्ञा का और आचार्य की प्राज्ञा का अनुशासन रहा है । इसके अतिरिक्त दूसरे किसी का अनुशासन उसने अन्यत्र तो क्या, स्वप्न में भी स्वीकार नहीं किया है । परन्तु खेद है, आज वह भी 'अनुशासन समितियों' के चक्कर में उलझ गया है । अपना भाग्य निर्णय दूसरों के हाथों में सौंप रहा है। शास्त्र दृष्टि से तो साधु पर साधु का अनुशासन होना चाहिए। पर, ग्राज साधुत्रों पर गृहस्थों का अनुशासन चलेगा। यह दुर्देव की विडम्वना नहीं, तो और क्या है ? मालूम पड़ता है, कि ग्राज के साधु का साधुत्व मर चुका है । ĭ ग्राज साधु-संघ पर शासन करने के लिए सार्वजनिक घोषणा के रूप में 'अनुशासन समिति' वन रही है । संस्कृति संरक्षण के नाम पर साधु-संघ को डराने-धमकाने के लिए 'जैन-संस्कृति रक्षक संघ' बन रहा है | श्रावक संघ का एक वर्ग विशेष इवर-उधर बौखलाया फिर रहा है । ये ग्रानन्द और कामदेव के प्रतिनिधि - गौतम तथा सुधर्मा के प्रतिनिधियों के मौत के वारंट निकालने में लगे हुए हैं,
SR No.010597
Book TitleAmarmuni Upadhyaya Vyaktitva evam Krutitva
Original Sutra AuthorN/A
AuthorVijaymuni Shastri
PublisherSanmati Gyan Pith Agra
Publication Year1962
Total Pages225
LanguageHindi
ClassificationSmruti_Granth, Biography, & Literature
File Size10 MB
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