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________________ २०८ व्यक्तित्व और कृतित्व णीय साहित्य सेवा की है । उपाध्याय श्री जी की यह जीती-जागती कृति है । इस कृति के संगुफन में उन्होंने जो अथक वौद्धिक श्रम किया है, समाज उसे कभी भुला नहीं सकता । 'सन्मति ज्ञानपीठ' की क्षेत्रसीमा धीरे-धीरे बहुत फैल गई है, और फैलती जा रही है। पंजाब, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, बृहत् राजस्थान, सौराष्ट्र, महाराष्ट्र, हैदरावाद, मद्रास, मैसूर, बम्बई, बिहार और बंगाल - सर्वत्र इसके पाठक आपको मिलेंगे और वहाँ से निरन्तर इसके प्रकाशनों की मांग आती रहती है । इस प्रकार ज्ञानपीठ का परिवार विशाल, व्यापक और बहुत विस्तृत है । किसी भी संस्था के लिए यह गौरव, सन्तोप और प्रसन्नता की वात है कि उसके प्रकाशनों की माँग सदा बढ़ती रहे । सन्मति ज्ञानपीठ इस विषय में अपने आपको एक सफल एवं सौभाग्यशाली अनुभव करता है । सेठ रतनलाल जी मित्तल, आज नहीं रहे । परन्तु ज्ञानपीठ उनकी बहुमूल्य सेवाओं को नहीं भूल सकता | सन्मति ज्ञानपीठ के जन्म, विकास और प्रगति में उनका सक्रिय योगदान - ज्ञानपीठ के इतिहास में चिरस्मरणीय रहेगा। सेठ जी के अभाव में इस संस्था को काफी क्षति पहुँची है । ज्ञानपीठ का परिवार सेठ जी के त्याग और उदार भाव को कभी भूल नहीं सकता । सेठ जी की स्मृति सदा ताजा रहेगी। ज्ञानपीठ के उद्घाटन अवसर पर सेठ जी ने जो मार्मिक एवं हृदय स्पर्शी उद्गार प्रकट किए थे, उन्हें पाठकों की जानकारी के लिए मैं यहाँ अविकल रूप में उद्धृत कर रहा हूँ । इससे पाठक यह भी जान सकेंगे कि उपाध्याय श्री जी के प्रति सेठ जी के मन में कितनी अगाध श्रद्धा एवं कितना अटूट विश्वास था । और साहित्य सेवा के लिए कितनी उत्कट भावना थी । , " मानव जाति की आव्यत्मिक और भौतिक सभी प्रकार की समुन्नति का एकमात्र सफल साधन - साहित्य है । साहित्य, अपने -ग्राप में वह विलक्षण चमत्कार रखता है कि जिससे बड़ी से बड़ी क्रान्तियाँ जन्म लेती है और शताब्दियों से पतित हीन दलित एवं असभ्य मानी जाने वाली जातियाँ एक दिन अभ्युदय के सर्वोच्च शिखर पर पहुँच कर विश्व में असाधारण चादर का स्थान प्राप्त कर लेती हैं। किसी भी देश, जाति, धर्म और संस्कृति का उत्थान- उसके श्रेष्ठ साहित्य पर ही अवलम्बित है, इसमें किसी के दो मत हो नहीं सकते । "
SR No.010597
Book TitleAmarmuni Upadhyaya Vyaktitva evam Krutitva
Original Sutra AuthorN/A
AuthorVijaymuni Shastri
PublisherSanmati Gyan Pith Agra
Publication Year1962
Total Pages225
LanguageHindi
ClassificationSmruti_Granth, Biography, & Literature
File Size10 MB
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