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________________ सर्वतोमुखी व्यक्तित्व प्रकाश-पुञ्ज : एक प्रकाशमान व्यक्तित्व — जिसे लोग 'कवि जी' के नाम से जानते, पहचानते और मानते हैं । नाम ग्रमर मुनि होने पर भी लोग 'कवि जी' कहना ही अधिक पसन्द करते हैं । 'कवि जी' इन तीन अक्षरों में जो शक्ति है, जो व्यक्तित्व है और जो आकर्षण है- वह अद्भुत है, वह बेजोड़ है, वह अपनी शानी का आप ही है। वर्तमान शती का, स्थानकवासी समाज के लिए, यह एक महान् चमत्कारमय जीवन है । एक वह जीवन, जो स्वयं भी प्रकाशमान है, और समाज को भी प्रकाशमान बना रहा है । 'कवि जी' का अर्थ है- जन-जीवन की एक अजस्र ज्योतिर्मय धारा । 'कवि जी' एक वह महाव्यक्तित्व है - जो विचार के सागर में गहरा गोता लगाकर, समाज को संस्कृति, धर्म और दर्शन तत्त्व के चमकते मोती लाकर देता है । 'कवि जी' - जो विवेक, वैराग्य और भावना के पवित्र प्रतीक हैं । जीवन-रेखा : सरल और सरस मानस, तर्क-प्रवण प्रज्ञा तथा मृदु और मधुर वाणी - ये तीनों तत्त्व जिस तेजस्वी व्यक्तित्व में एकमेक हो गए हैं, उस महामहिम व्यक्तित्व का परिचय है- 'उपाध्याय, कविरत्न, श्रद्धेय अमरचन्द्रजी महाराज ।' इसका संक्षेप होगा - 'उपाध्याय अमर मुनि' । इसका भी संक्षेप होगा " 'कवि जी' ।
SR No.010597
Book TitleAmarmuni Upadhyaya Vyaktitva evam Krutitva
Original Sutra AuthorN/A
AuthorVijaymuni Shastri
PublisherSanmati Gyan Pith Agra
Publication Year1962
Total Pages225
LanguageHindi
ClassificationSmruti_Granth, Biography, & Literature
File Size10 MB
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