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________________ संस्मरण जीवनी में व्यक्ति का समग्र जीवन शृङ्खलाबद्ध रूप से उपस्थित किया जाता है । किन्तु संस्मरण में उस जीवन के कुछ मधुर क्षणों का सजीव चित्र दिखाया जाता है । उपन्यास और कहानी का जो अन्तर है, कुछ वैसा ही 'जीवनी' और 'संस्मरण' में समझना चाहिए | संस्मरण-लेखक जीवन की एक सुन्दर झाँकी को रोचक और संवेदनात्मक ढंग से लिखता है । वह संस्मरण सदैव व्यक्ति के व्यक्तित्व का प्रतिविम्व ग्रहण किए हुए रहता है । . जीवन-संस्मरण और यात्रा संस्मरण भी गद्य के ही भाग हैं । संस्मरण में किसी व्यक्ति के जीवन की सुन्दर घटनाओं का, उसके स्वभाव का और उसके व्यक्तित्व का सुन्दर और प्रवाह-युक्त भाषा में अंकन किया जाता है | यात्रा- संस्मरण में लेखक जो कुछ देखता है और जो कुछ सुनता है, उसे ललित भाषा के माध्यम से अभिव्यक्त कर देता है । कवि श्री जी ने समय-समय पर दोनों हीं प्रकार के संस्मरण लिखे हैंजीवन-संस्मरण भी और यात्रा संस्मरण भी । संस्मरण लिखने की उनकी शैली बड़ी अद्भुत और प्रभावक होती है । वर्णन के अनुसार उनके संस्मरण की भाषा कहीं पर गंभीर और कहीं पर सरल और सीधी-सादी होती है । भावों का अंकन उनके संस्मरणों में गजब का होता है । छोटी-से-छोटी घटना को भी वे पाठकों के सम्मुख बड़े ही रोचक ढंग से प्रस्तुत करते हैं । उनके संस्मरणों के कुछ उदाहरण मैं यहाँ प्रस्तुत कर रहा हूँ
SR No.010597
Book TitleAmarmuni Upadhyaya Vyaktitva evam Krutitva
Original Sutra AuthorN/A
AuthorVijaymuni Shastri
PublisherSanmati Gyan Pith Agra
Publication Year1962
Total Pages225
LanguageHindi
ClassificationSmruti_Granth, Biography, & Literature
File Size10 MB
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