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________________ ९०८ सुत्तागमे [णिसीहसुत्तं वा कट्टपासएण वा चम्मपासएण वा वेत्तपासएण वा रज्जुपासएण वा सुत्तपासएण वा बंधइ बंधतं वा साइजइ ॥ ११०६ ॥ जे भिक्खू कोउहल्लपडियाए अण्णयरं तसपाणजायं तणपासएण वा जाव सुत्तपासएण वा बंधेल्लगं मुयइ मुयंतं वा साइजइ ॥ ११०७ ॥ जे भिक्खू कोउहल्लपडियाए तणमालियं वा मुंजमालियं वा भिंडमालियं वा मयणमालियं वा पिंछमालियं वा दंतमालियं वा सिंगमालियं वा संखमालियं वा हड्डमालियं वा कट्ठमालियं वा पत्तमालियं वा पुप्फमालियं वा फलमालियं वा बीयमालियं वा हरियमालियं वा करेइ करेंतं वा साइज्जइ ॥ ११०८ ॥ जे भिक्खू कोउहल्लपडियाए तणमालियं वा जाव हरियमालियं वा धरेइ धरेंतं वा साइजइ ॥ ११०९ ॥ जे भिक्खू कोउहल्लपडियाए तणमालियं वा जाव हरियमालियं वा पिणद्धइ पिणद्धतं वा साइजइ ॥ १११० ॥ (परिभुंजइ "") जे भिक्खू कोउहल्लपडियाए अयलोहाणि वा तंबलोहाणि वा तउयलोहाणि वा सीसलोहाणि वा रुप्पलोहाणि वा सुवण्णलोहाणि वा करेइ करेंतं वा साइजइ ॥ ११११॥ जे भिक्खू कोउहल्लपडियाए अयलोहाणि वा जाव सुवण्णलोहाणि वा धरेइ धरेतं वा साइजइ ॥ १११२ ॥ जे भिक्खू कोउहल्लपडियाए अयलोहाणि वा जाव सुवण्णलोहाणि वा परिभुज[पिणद्ध]इ परिभुजंतं वा साइज्जइ ॥ १११३ ॥ जे भिक्खू कोउहल्लपडियाए हाराणि वा अद्धहाराणि वा एगावलिं वा मुत्तावलिं वा कणगावलिं वा रयणावलिं वा कडगाणि वा तुडियाणि वा केऊराणि वा कुंडलाणि वा पट्टाणि वा मउडाणि वा पलंबसुत्ताणि वा सुवण्णसुत्ताणि वा करेइ करेंतं वा साइज्जइ ॥ १११४ ॥ जे भिक्खू कोउहल्लपडियाए हाराणि वा जाव सुवण्णसुत्ताणि वा धरेइ धरेंतं वा साइजइ ॥१११५॥ जे भिक्खू कोउहल्लपडियाए हाराणि वा जाव सुवण्णसुत्ताणि वा पिणद्धइ पिणद्धतं वा साइज्जइ ॥ १११६ ॥ जे भिक्खू कोउहल्लपडियाए आईणाणि वा आईणपावराणि वा कंबलाणि वा कंबलपावराणि वा कोयराणि वा कोयरपावराणि वा कालमियाणि वा णीलमियाणि वा सामाणि वा मिहासामाणि वा उट्टाणि वा उट्टलेस्साणि वा वग्घाणि वा विवग्याणि वा परवंगाणि वा सहिणाणि वा सहिणकल्लाणि वा खोमाणि वा दुगूलाणि वा पतुण्णाणि वा आवरंताणि वा वीणाणि वा अंसुयाणि वा कणगकंताणि वा कणगखचियाणि वा कणगचित्ताणि वा० आभरणविचित्ताणि वा करेइ करेंतं वा साइजइ ॥ १११७ ॥ जे भिक्खू कोउहल्लपडियाए आईणाणि वा जाव आभरणविचित्ताणि वा धरेइ धरेंतं वा साइजइ ॥ १११८॥ जे भिक्खू कोउहल्लपडियाए आईणाणि वा जाव आभरणविचित्ताणि वा परिभुंजइ परिभुंजंतं वा साइजइ ॥ १११९ ॥ जा (जे भिक्खू ) णि(नि)ग्गं(थे)थी णि-गंथस्स पाए अण्ण
SR No.010591
Book TitleSuttagame 02
Original Sutra AuthorN/A
AuthorFulchand Maharaj
PublisherSutragam Prakashan Samiti
Publication Year1954
Total Pages1300
LanguagePrakrit
ClassificationBook_Devnagari, Agam, Canon, agam_aupapatik, agam_rajprashniya, agam_jivajivabhigam, agam_pragyapana, agam_suryapragnapti, agam_chandrapragnapti, agam_jambudwipapragnapti, & agam_ni
File Size93 MB
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