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________________ सुत्तागमे ८७६ [णिसीहसुत्तं अण्णमण्णस्स दंते उच्छोलेज वा पधोएज वा उच्छोलेंतं वा पधोएंतं वा साइजइ ॥ ५०८ ॥ जे भिक्खू माउग्गामस्स मेहुणवडियाए अण्णमण्णस्स दंते फूमेज वा रएज वा फूमतं वा रएंतं वा साइजइ ॥ ५०९ ॥ जे भिक्खू माउग्गामस्स मेहुणवडियाए अण्णमण्णस्स उढे आमज्जेज वा पमज्जेज वा आमज्जंतं वा पमज्जंतं वा साइजइ ॥ ५१० ॥ जे भिक्खू माउग्गामस्स मेहुणवडियाए अण्णमण्णस्स उट्टे संवाहेज वा पलिमद्देज वा संवाहेंतं वा पलिम तं वा साइजइ ॥५११॥ जे भिक्खू माउग्गामस्स मेहुणवडियाए अण्णमण्णस्स उठे तेल्लेण वा धएण वा णवणीएण वा मक्खेज वा भिलिंगेज वा मक्खेंतं वा भिलिंगेतं वा साइजइ ॥५१२॥ जे भिक्खू माउग्गामस्स मेहुणवडियाए अण्णमण्णस्स उठे लोद्धेण वा कक्केण वा उल्लोलेज वा उन्वटेज वा उल्लोलेंतं वा उव्वटेंतं वा साइजइ ॥ ५१३ ॥ जे भिक्खू माउग्गामस्स मेहुणवडियाए अण्णमण्णस्स उढे सीओदगवियडेण वा उसिणोदगवियडेण वा उच्छोलेज वा पधोएज वा उच्छोलेंतं वा पधोएंतं वा साइजइ ॥ ५१४ ॥ जे भिक्खू माउग्गामस्स मेहुणवडियाए अण्णमण्णस्स उढे फूमेज वा रएज वा फूतं वा रएंतं वा साइजइ ॥ ५१५॥जे भिक्खू माउग्गामस्स मेहुणवडियाए अण्णमण्णस्स दीहाई उत्तरोट्ठरोमाई कप्पेज वा संठवेज वा कप्तं वा संठवेंतं वा साइजइ ॥५१६ ॥ जे भिक्खू माउग्गामस्स मेहुणवडियाए अण्णमण्णस्स दीहाइं अच्छिपत्ताइं कप्पेज वा संठवेज वा कप्तं वा संठवेंतं वा साइजइ ॥ ५१७ ॥ जे भिक्खू माउग्गामस्स मेहुणवडियाए अण्णमण्णस्स अच्छीणि आमज्जेज वा पमज्जेज वा आमजंतं वा पमजंतं वा साइजइ ॥ ५१८ ॥ जे भिक्खू माउग्गामस्स मेहुणवडियाए अण्णमण्णस्स अच्छीणि संवाहेज वा पलिमद्देज वा संवाहेंतं वा पलिमद्देतं वा साइजइ ॥ ५१९ ॥ जे भिक्खू माउग्गामस्स मेहुणवडियाए अण्णमण्णस्स अच्छीणि तेल्लेण वा घएण वा णवणीएण वा मक्खेज वा भिलिंगेज वा मक्खेंतं वा भिलिंगेंतं वा साइजइ ॥ ५२० ॥ जे भिक्खू माउग्गामस्स मेहुणवडियाए अण्णमण्णस्स अच्छीणि लोद्धेण वा कक्केण वा उल्लोलेज वा उव्वट्टेज वा उल्लोलेंतं वा उव्वदे॒तं वा साइजइ ॥ ५२१ ॥ जे भिक्खू माउग्गामस्स मेहुणवडियाए अण्णमण्णस्स अच्छीणि सीओदगवियडेण वा उसिणोदगवियडेण वा उच्छोलेज वा पधोएज वा उच्छोलेंतं वा पधोएंतं वा साइजइ ॥ ५२२ ॥ जे भिक्खू माउग्गामस्स मेहुणवडियाए अण्णमण्णस्स अच्छीणि फूमेज वा रएज वा फूमतं वा रएंतं वा साइजइ ॥ ५२३ ॥ जे भिक्खू माउग्गामस्स मेहुणवडियाए अण्णमण्णस्स दीहाई भुमगरोमाइं कप्पेज वा संठवेज वा कप्तं वा संठवेंतं वा साइजइ ॥ ५२४ ॥ जे भिक्खू माउग्गामस्स मेहुणवडियाए
SR No.010591
Book TitleSuttagame 02
Original Sutra AuthorN/A
AuthorFulchand Maharaj
PublisherSutragam Prakashan Samiti
Publication Year1954
Total Pages1300
LanguagePrakrit
ClassificationBook_Devnagari, Agam, Canon, agam_aupapatik, agam_rajprashniya, agam_jivajivabhigam, agam_pragyapana, agam_suryapragnapti, agam_chandrapragnapti, agam_jambudwipapragnapti, & agam_ni
File Size93 MB
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