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________________ ८६७ उ० ६ चाउम्मासियमणुग्धाइयं] सुत्तागमे छट्ठो उद्देसो जे भिक्खू माउग्गामं मेहुणपडियाए विण्णवेइ विण्णवेंतं वा साइज्जइ ॥ ३८६ ॥ जे भिक्खू माउग्गामस्स मेहुणपडियाए हत्थकम्मं करेइ करेंतं वा साइजइ ॥ ३८७ ॥ जे भिक्खू माउग्गामस्स मेहुणपडियाए अंगादाणं कद्वेण वा किलिंचेण वा अंगुलियाए वा सलागाए वा संचालेइ संचालतं वा साइजइ ॥ ३८८ ॥ जे भिक्खू माउग्गामस्स मेहुणपडियाए अंगादाणं संवाहेज वा पलिमद्देज वा संवाहेंतं वा पलिमद्देतं वा साइजइ ॥ ३८९ ॥ जे भिक्खू माउग्गामस्स मेहुणवडियाए अंगादाणं तेल्लेण वा घएण वा णवणीएण वा अब्भंगेज वा मक्खेज वा अन्भंगेतं वा मक्खेतं वा साइजइ ॥ ३९० ॥ जे भिक्खू माउग्गामस्स मेहुणवडियाए अंगादाणं कक्केण वा लोद्धेण वा पउमचुण्णेण वा ण्हाणेण वा सिणाणेण वा चुण्णेहिं वा वण्णेहिं वा उव्वट्टेइ वा परिवट्टेइ वा उव्वटेंतं वा परिवटेंतं वा साइजइ ॥ ३९१ ॥ जे भिक्खू माउग्गामस्स मेहुणवडियाए अंगादाणं सीओदगवियडेण वा उसिणोदगवियडेण वा उच्छोलेज वा पधोएज वा उच्छोलेंतं वा पधोएंतं वा साइजइ ॥ ३९२ ॥ जे भिक्खू माउग्गामस्स मेहुणवडियाए अंगादाणं णिच्छल्लेइ णिच्छल्लेत वा साइज्जइ ॥ ३९३ ॥ जे भिक्खू माउग्गामस्स मेहुणवडियाए अंगादाणं जिग्घइ जिग्छतं वा साइज्जइ ॥ ३९४ ॥ जे भिक्खू माउग्गामस्स मेहुणवडियाए अंगादाणं अण्णयरंसि अचित्तंसि सोयसि अणुपवेसेत्ता सुक्कपोग्गले णिग्घायइ णिग्यायंतं वा साइजइ ॥ ३९५ ॥ जे भिक्खू माउग्गामं मेहुणवडियाए (अवाउडिं) सयं कुज्जा सयं बूया करेंतं वा (बूएंतं वा) साइज्जइ ॥ ३९६ ॥ जे भिक्खू माउग्गामस्स मेहुणवडियाए कलहं कुज्जा कलहं बूया कलहवडियाए गच्छइ गच्छंतं वा साइजइ ॥ ३९७ ॥ जे भिक्खू माउग्गामस्स मेहुणवडियाए लेहं लिहइ लेहं लिहावेइ लेहवडियाए वा गच्छइ गच्छंतं वा साइजइ ॥ ३९८ ॥ जे भिक्खू माउग्गामस्स मेहुणवडियाए पिटुंतं वा सोय(तं) वा पोसंतं वा भ(लि)लायएण उप्पाएइ उप्पाएंतं वा साइजइ ॥ ३९९ ॥ जे भिक्खू माउग्गामस्स मेहुणवडियाए पिटुंतं वा सोयं वा पोसंतं वा भल्लायएण उप्पाएत्ता सीओदगवियडेण वा उसिणोदगवियडेण वा उच्छोलेज वा पधोएज वा उच्छोलेंतं वा पधोएंतं वा साइज्जइ ॥४०० ॥ जे भिक्खू माउग्गामस्स मेहुणवडियाए पिटुंतं वा सोयं वा पोसंतं वा उच्छोलेत्ता पधोएता अण्णयरेण आलेवणजाएणं आलिंपेज्ज वा विलिंपेज वा आलिंपेतं वा विलिंपेंतं वा साइजइ ॥ ४०१ ॥ जे भिक्खू माउग्गामस्स मेहुणवडियाए पिटुंतं वा सोर्य वा पोसंतं वा उच्छोलेत्ता पधोएत्ता आलिंपेत्ता विलिंपेत्ता तेल्लेण वा घएण वा णवणीएण वा अब्भंगेज वा मक्खेज वा अब्भंगेंतं वा
SR No.010591
Book TitleSuttagame 02
Original Sutra AuthorN/A
AuthorFulchand Maharaj
PublisherSutragam Prakashan Samiti
Publication Year1954
Total Pages1300
LanguagePrakrit
ClassificationBook_Devnagari, Agam, Canon, agam_aupapatik, agam_rajprashniya, agam_jivajivabhigam, agam_pragyapana, agam_suryapragnapti, agam_chandrapragnapti, agam_jambudwipapragnapti, & agam_ni
File Size93 MB
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