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सुत्तागमे
[ बिकपतं
अच्छिसि पाणे वा बीए वा रए वा परियावज्जेज्जा, तं च निग्गन (थो) थे नो संचाए( जा ) इ नीहरितए वा विसोहेत्तए वा, तं निग्गन्धी नीहरमाणी वा विसोहेमाणी वा नाइक्कमइ ॥ १९५॥ निग्गन्थीए य अहे पायंसि खाणूए वा कण्टए वा ही (रए ) रे वा (सक्करे वा) परियावज्जेज्जा, तं च निग्गन्थी नो संचाए नीहरित्तए वा विसोहेत्तए वा, तं निग्गन्थे नहरमाणे वा विसोहेमाणे वा नाइक्कमइ ॥ १९६ ॥ निग्गन्थीए य अच्छिसि पाणे वा बीए वा रए वा परियावज्जेज्जा, तं च निग्गन्थी नो संचाएइ
हरित वा विसोत् वा, तं निग्गन्थे नीहरमाणे वा विसोहेमाणे वा नाइकमर ॥ १९७॥ निग्गन्थे निग्गन्थि दुग्गंसि वा विसमंसि वा पव्वयंसि वा पक (खु) खलमाणि वा पवडमाणि वा गेण्हमाणे वा अवलम्बमाणे वा नाइकमइ ॥ १९८ ॥ निग्गन्थे निग्गन्थि सेयंसि वा पङ्कंसि वा पणगंसि वा उदयंसि वा ओक (उक्क) समाणि वा ओबु (झ) ब्भमाणं वा गेण्हमाणे वा अवलम्बमाणे वा नाइकमइ ॥ १९९ ॥ निग्गन्थे निग्गन्थिं नावं आ (रोह) रुममाणि वा ओ (उ-रोह) रुभमाणि वा गेव्हमाणे वा अवलम्बमाणे वा नाइक्कमइ ॥ २०० ॥ खित्तचित्तं निग्गन्थिं निग्गन्थे गे(गि)ग्रहमाणे वा अवलम्बमाणे वा नाइकमइ ॥ २०१ ॥ दित्तचित्तं निग्गन्थिं निग्गन्थे गेहमाणे वा अवलम्बमाणे वा नाइकमइ ॥ २०२ ॥ जखाइ ( ० ) उम्मायपत्तं (०) उवसग्गपत्तं (०) साहिगरणं (०) सपायच्छित्तं (०) भत्तपाणपडियाइ क्खियं
अजा ( यम्मि) यं निग्गन्थि निग्गन्थे गेण्हमाणे वा अवलम्बमाणे वा नाइकमइ ॥२०३॥ छ कप्पस्स पलिमन्थ पन्नत्ता, तंजहा कोक्कुइए संजमस्स पलिमन्थू, मोहरिए सच्चवयणस्स पलिमन्थू, तिन्ति (णी ) णिए एसणागोयरस्स पलिमन्यू, चक्खुलोलुए इरियावहियाए पलिमन्धू, इच्छालो (भ-ल-ए) भे मुत्तिमग्गस्स पलिमन्यू, (भिजा ) भुजो भुज्जो नियाणकरणे सिद्धि (मोक्ख ) मग्गस्स पलिमन्थू, सव्वत्थ भगवया अनियाणया पसत्था ॥ २०४ ॥ छव्विहा कप्पट्ठिई पन्नत्ता, तंजहा - सामाइयसंजयकप्पट्ठिई, छेओवद्वावणिय संजय कप्पट्ठिई, निव्विसमाणकप्पट्ठिई, निव्विहकाइय कप्पट्टिई, जि - कप्पट्ठिई, थेरकप्पट्ठिई ॥ २०५ ॥ ति- बेमि ॥ बिहकप्पे छट्टो उद्देसओ समत्तो ॥ ६ ॥ विक्कष्पसुत्तं समत्तं ॥
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