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________________ सुत्तागमे [पण्णवणासुतं कुडगछल्ली इ वा कुडगफाणिए इ वा कडुगतुंबीइ वा कडुगतुंबिफले इ वा खारतउसी इ वा खारतउसीफले इ वा देवदाली इ वा देवदालीपुप्फे इ वा मियवालुंकी इ वा मियवालुंकीफले इ वा घोसाडए इ वा घोसाडईफले इ वा कण्हकंदए इ वा वज्जकंदए इ वा, भवेथारूवे ? गोयमा ! णो इणढे समढे, कण्हलेस्सा णं एत्तो अणिद्वतरिया चेव जाव अमणामतरिया चेव आसाएणं पन्नत्ता ॥ ५१५ ॥ नीललेस्साए पुच्छा। गोयमा ! से जहानामए भंगी इ वा भंगीरए इ वा पाढा इ वा चविया इ वा चित्तामूलए इ वा पिप्पली इ वा पिप्पलीमूलए इ वा पिप्पलीचुण्णे इ वा मिरिए इ वा मिरियचुण्णए इ वा सिंगबेरे इ वा सिंगबेरचुण्णे इ वा, भवेयारूवे ? गोयमा ! णो इणढे समढे, नीललेस्सा णं एत्तो जाव अमणामतरिया चेव आसाएणं पन्नत्ता ॥५१६॥ काउलेस्साए पुच्छा । गोयमा ! से जहानामए अंबाण वा अंबाडगाण वा माउलुंगाण वा बिल्लाण वा कविट्ठाण वा भञ्चाण वा फणसाण वा दाडिमाण वा अक्खोडयाण वा चाराण वा बोराण वा तिंदुयाण वा अपक्काणं अपरिवागाणं वन्नेणं अणुववेयाणं गंधेणं अणुववेयाणं फासेणं अणुववेयाणं, भवेयारूवे ? गोयमा ! णो इणढे समढे जाव एत्तो अमणामतरिया चेव अस्साएणं पन्नत्ता ॥ ५१७ ॥ तेउलेस्सा णं भंते ! पुच्छा । गोयमा ! से जहानामए अंबाण वा जाव पक्काणं परियावन्नाणं वन्नेणं उववेयाणं पसत्थेणं जाव फासेणं जाव एत्तो मणामयरिया चेव तेउलेस्सा आसाएणं पन्नत्ता ॥ ५१८॥ पम्हलेस्साए पुच्छा। गोयमा! से जहानामए चंदप्पभा इ वा मणसिला इ वा सीहू इ वा वारुणी इ वा पत्तासवे इ वा पुप्फासवे इ वा फलासवे इ वा चोयासवे इ वा आसवे इ वा महू इ वा मेरए इ वा काविसायणे इ वा खजूरसारए इ वा मुद्दियासारए इ वा सुपक्कखोयरसे इ वा अपिट्ठणिट्ठिया इ वा जंबुफलकालिया इ वा पसन्ना इ वा उक्कोसमयपत्ता वन्नेणं उववेया जाव फासेणं उववेया दप्पणिज्जा मयणिज्जा, भवेयारूवा ? गोयमा ! णो इणढे समढे, पम्हलेस्सा णं एत्तो इट्टतरिया चेव जाव मणामतरिया चेव आसाएणं पन्नत्ता ॥५१९॥ सुक्कलेस्सा णं भंते ! केरिसिया अस्साएणं पन्नत्ता ? गोयमा ! से जहानामए गुले इ वा खंडे इ वा सकरा इ वा मच्छंडिया इ वा पप्पडमोयए इ वा भिसकंदए इ वा पुप्फुत्तरा इ वा पउमुत्तरा इ वा आदंसिया इ वा सिद्धत्थिया इ वा आगासफालिओवमा इ वा उवमा इ वा अणोवमा इ वा, भवेयारूवे ? गोयमा ! णो इणढे समढे, सुक्कलेस्सा णं एत्तो इट्ठतरिया चेव० पियतरिया चेव० मणामतरिया चेव आसाएणं पन्नत्ता ॥५२०॥ कइ णं भंते ! लेस्साओ दुब्भिगंधाओ पन्नत्ताओ ? गोयमा! तओ लेस्साओ दुब्भिगंधाओ पन्नत्ताओ। तंजहा-कण्हलेस्सा, नीललेस्सा, काउलेस्सा । कइ णं भंते ! लेस्साओ
SR No.010591
Book TitleSuttagame 02
Original Sutra AuthorN/A
AuthorFulchand Maharaj
PublisherSutragam Prakashan Samiti
Publication Year1954
Total Pages1300
LanguagePrakrit
ClassificationBook_Devnagari, Agam, Canon, agam_aupapatik, agam_rajprashniya, agam_jivajivabhigam, agam_pragyapana, agam_suryapragnapti, agam_chandrapragnapti, agam_jambudwipapragnapti, & agam_ni
File Size93 MB
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