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________________ प० १५ उ० २ वंजणोग्गहभेया] सुत्तागमे ४१९ न्दियलद्धी जाव फासिन्दियलद्धी। एवं नेरइयाणं जाव वेमाणियाणं, नवरं जस्स जइ इन्दिया अत्थि तस्स तावइया भाणियव्वा ४ । कइविहा णं भंते । इन्दियउवओगद्धा पन्नत्ता ? गोयमा ! पंचविहा इन्दियउवओगद्धा पन्नत्ता । तंजहा-सोइन्दियउवओगद्धा जाव फासिन्दियउवओगद्धा । एवं नेरइयाणं जाव वेमाणियाणं, नवरं जस्स जइ इन्दिया अत्थि०५॥४४७ ॥ एएसिणं भंते ! सोइन्दियचक्खिन्दियघाणिन्दियजिब्भिदियफासिन्दियाणं जहण्णयाए उवओगद्धाए उक्कोसियाए उवओगद्धाए जहण्णुक्कोसियाए उवओगद्धाए कयरे कयरेहितो अप्पा वा ४ ? गोयमा ! सव्वत्थोवा चक्खिन्दियस्स जहणिया उवओगद्धा, सोइन्दियस्स जहणिया उवओगद्धा विसेसाहिया, घाणिन्दियस्म जहण्णिया उवओगद्धा विसेसाहिया, जिब्भिन्दियस्स जहण्णिया उवओगद्धा विसेसाहिया, फासिन्दियस्स जहणिया उवओगद्धा विसेसाहिया, उक्कोसियाए उवओगद्धाए-सव्वत्थोवा चक्खिन्दियस्स उक्कोसिया उवओगद्धा, सोइन्दियस्स उक्कोसिया उवओगद्धा विसेसाहिया, घाणिन्दियस्स उक्कोसिया उवओगद्धा विसेसाहिया, जिब्भिन्दियस्स उक्कोसिया उवओगद्धा विसेसाहिया, फासिन्दियस्स उक्कोसिया उवओगद्धा विसेसाहिया, जहण्णउक्कोसियाए उवओगद्धाए-सव्वत्थोवा चक्खिन्दियस्स जहणिया उवओगद्धा, सोइन्दियस्स जहणिया उवओगद्धा विसेसाहिया, घाणिन्दियस्स जहणिया उवओगद्धा विसेसाहिया, जिब्भिन्दियस्स जहणिया उवओगद्धा विसेसाहिया, फासिंदियस्स जहण्णिया उवओगद्धा विसेसाहिया, फासिंदियस्स जहणियाहिंतो उवओगद्धाहिंतो चक्खिदियस्स उक्कोसिया उवओगद्धा विसेसाहिया, सोइंदियस्स उक्कोसिया उवओगद्धा विसेसाहिया, घाणिंदियस्स उक्कोसिया उवओगद्धा विसेसाहिया, जिभिदियस्स उक्कोसिया उवओगद्धा विसेसाहिया, फासिंदियस्स उक्कोसिया उवओगद्धा विसेसाहिया ॥ ४४८ ॥ कइविहा णं भंते ! इंदियओगाहणा पन्नत्ता ? गोयमा ! पंचविहा इंदियओगाहणा पन्नत्ता । तंजहा-सोइंदियओगाहणा जाव फासिंदियओगाहणा, एवं नेरइयाणं जाव वेमाणियाणं, नवरं जस्स जइ इंदिया अस्थि० ६ ॥ ४४९ ॥ कइविहे णं भंते ! इंदियअवाए पन्नत्ते ? गोयमा ! पंचविहे इंदियअवाए पन्नत्ते । तंजहा-सोइंदियअवाए जाव फासिंदियअवाए । एवं नेरइयाणं जाव वेमाणियाणं, नवरं जस्स जइ इंदिया अत्थि० ७ । कइविहा णं भंते ! ईहा पन्नत्ता ? गोयमा ! पंचविहा ईहा पन्नत्ता । तंजहा-सोइंदियईहा जाव फासिंदियईहा । एवं जाव वेमाणियाणं, नवरं जस्स जइ इंदिया० ८ । कइविहे णं भंते ! उग्गहे पन्नत्ते? गोयमा ! दुविहे उग्गहे पन्नत्ते। तंजहा-अत्थोग्गहे य वंजणोग्गहे य। वंजणोग्गहे णं भंते ! कइविहे पन्नत्ते ? गोयमा ! चउविहे पन्नत्ते । तंजहा
SR No.010591
Book TitleSuttagame 02
Original Sutra AuthorN/A
AuthorFulchand Maharaj
PublisherSutragam Prakashan Samiti
Publication Year1954
Total Pages1300
LanguagePrakrit
ClassificationBook_Devnagari, Agam, Canon, agam_aupapatik, agam_rajprashniya, agam_jivajivabhigam, agam_pragyapana, agam_suryapragnapti, agam_chandrapragnapti, agam_jambudwipapragnapti, & agam_ni
File Size93 MB
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