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________________ ३९२ सुत्तागमे [ पण्णवणासुतं अचरमाई च ८, सिय चरमाई च अचरमे य ९, सिय चरमाई च अचरमाई च १०, सिय चरमे य अवत्तव्वए य ११, सिय चरमे य अवत्तव्वयाई च १२, सिय चरमाई च अवत्तव्वए य १३, नो चरमाई च अवत्तव्वयाईं च १४, नो अचरमे य अवत्तव्वए य १५, नो अचरमे य अवत्तव्वयाइं च १६, नो अचरमाई च अवत्तव्वए य १७, नो अचरमाई च अवत्तव्वयाईं च १८, नो चरमे य अचरमे य अवत्तव्वए य १९, नो चरमे य अचरमे य अवत्तव्वयाई च २०, नो चरमेय अचरमाई च अवत्तव्वए य २१, नो चरमे य अचरमाइं च अवत्तव्वयाई च २२, सिय चरमाई च अचरमे य अवत्तव्वए य २३, सिय चरमाई च अचरमे य अत्तव्वयाई च २४, सिय चरमाई च अचरमाई च अवत्तव्वए य २५, नो चरमाई च अचरमाई च अवत्तव्वयाई च २६ ॥ ३६२ ॥ छप्पएसिए णं भंते! पुच्छा । गोयमा ! छप्पए सिए णं खंधे सिय चरमे १, नो अचरमे २, सिय अवत्तव्वए ३, नो चरमाई ४, नो अचरमाई ५, नो अवत्तव्वयाई ६, सिय चरमे य अचरमे य ७, सिय चरमे य अचरमाई च ८, सिय चरमाई च अचरमे य ९, सिय चरमाई च अचरमाई च १०, सिय चरमे य अवत्तव्वए य ११, सिय चरमे य अवत्तव्वयाई च १२, सिय चरमाई च अवत्तव्वए य १३, सिय चरमाइं च अवत्तव्वयाई च १४, नो अचरमे य अवत्तव्वए य १५, नो अचरमेय अवत्तव्वयाई च १६, नो अचरमाई च अवत्तव्त्रए य १७, अचरमाई च अवत्तव्वयाई च १८, सिय चरमे य अचरमे य अवत्तव्वए य १९, नो चरमेय अचरमेय अवत्तव्वयाई च २०, नो चरमे य अचरमाई च अवत्तव्वए य २१, नो चरमे य अचरमाई च अवत्तव्वयाईं च २२, सिय चरमाई च अचरमे य अवत्तव्वए य २३, सिय चरमाई च अचरमे य अवत्तव्वयाई च २४, सिय चरमाइं च अचरमाई च अवत्तव्वए य २५, सिय चरमाईं च अचरमाईं च अवत्तव्वयाई च २६ ॥ ३६३ ॥ सत्तपएसिए णं भंते ! खंधे पुच्छा । गोयमा ! सत्तपएसिए णं खंधे सिय चरमे १, णो अचरमे २, सिय अवत्तव्वए ३, णो चरमाई ४, णो अचरमाई ५, णो अवत्तव्ययाई ६, सिय चरमे य अचरमे य ७, सिय चरमे य अचरमाई च ८, सिय चरमाई च अचरमे य ९, सिय चरमाई च अचरमाई च सिय चरमे य अवत्तव्वए य ११, सिय चरमे य अवत्तव्वयाई च १२, सिय चरमाईं च अवत्तव्वए य १३, सिय चरमाई च अवत्तव्वयाइं च १४, णो अचरमे न्य अवत्तव्वए य १५, णो अचरमे य अवत्तव्वयाई च १६, णो अचरमाई च अवत्तव्वए य १७, णो अचरमाई च अवत्तव्वयाई च १८, सिय चरमे य अचरमे १०,
SR No.010591
Book TitleSuttagame 02
Original Sutra AuthorN/A
AuthorFulchand Maharaj
PublisherSutragam Prakashan Samiti
Publication Year1954
Total Pages1300
LanguagePrakrit
ClassificationBook_Devnagari, Agam, Canon, agam_aupapatik, agam_rajprashniya, agam_jivajivabhigam, agam_pragyapana, agam_suryapragnapti, agam_chandrapragnapti, agam_jambudwipapragnapti, & agam_ni
File Size93 MB
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