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________________ प० ३ दा०४ सुहुम० अप्प० पु.] सुत्तागमे ३२१ वा बहुया वा तुल्ला वा विसेसाहिया वा ? गोयमा ! सव्वत्थोवा वाउकाइया अपजत्तगा, वाउकाइया पजत्तगा संखेजगुणा ॥ एएसि णं भंते! वणस्सइकाइयाणं पजत्तापजत्ताणं कयरे कयरेहिंतो अप्पा वा बहुया वा तुल्ला वा विसेसाहिया वा ? गोयमा ! सव्वत्थोवा वणस्सइकाइया अपजत्तगा, वणस्सइकाइया पज्जत्तगा संखेजगुणा ॥ एएसि णं भंते ! तसकाइयाणं पजत्तापजत्ताणं कयरे कयरेहितो अप्पा वा बहुया वा तुल्ला वा विसेसाहिया वा ? गो० ! सव्वत्थोवा तसकाइया पजत्तगा, तसकाइया अपजत्तगा असंखेजगुणा ॥ १५५ ॥ एएसि णं भंते ! सकाइयाणं पुढविकाइयाणं आउकाइयाणं तेउकाइयाणं वाउकाइयाणं वणस्सइकाइयाणं तसकाइयाण य पजत्तापज्जत्ताणं कयरे कयरेहितो अप्पा वा बहुया वा तुल्ला वा विसेसाहिया वा ? गोयमा ! सव्वत्थोवा तसकाइया पज्जत्तगा, तसकाइया अपजत्तगा संखेज्जगुणा, तेउकाइया अपज्जत्तगा असंखेजगुणा, पुढविकाइया अपजत्तगा विसेसाहिया, आउकाइया अपज्जत्तगा विसेसाहिया, वाउकाइया अपज्जत्तगा विसेसाहिया, तेउकाइया पजत्तगा संखेजगुणा, पुढविकाइया पज्जत्तगा विसेसाहिया, आउकाइया पजत्तगा विसेसाहिया, वाउकाइया पज्जत्तगा विसेसाहिया, वणस्सइकाइया अपज्जत्तगा अणंतगुणा, सकाइया अपज्जत्तगा विसेसाहिया, वणस्सइकाइया पजत्तगा संखेजगुणा, सकाइया पजत्तगा विसेसाहिया, सकाइया विसेसाहिया ॥ १५६ ॥ एएसि णं भंते ! सुहुमाणं सुहुमपुढविकाइयाणं सुहुमआउकाइयाणं सुहुमतेउकाइयाणं सुहुमवाउकाइयाणं सुहुमवणस्सइकाइयाणं सुहुमनिओयाण य कयरे कयरेहितो अप्पा वा बहुया वा तुल्ला वा विसेसाहिया वा ? गोयमा ! सव्वत्थोवा सुहुमतेउकाइया, सुहुमपुढविकाइया विसेसाहिया, सुहुमआउकाइया विसेसाहिया, सुहुमवाउकाइया विसेसाहिया, सुहुमनिओया असंखेजगुणा, सुहुमवणस्सइकाइया अणंतगुणा, सुहुमा विसेसाहिया ॥ १५७ ॥ एएसि णं भंते ! सुहुमअपज्जत्तगाणं सुहुमपुढविकाइयअपजत्तगाणं सुहुमआउकाइयअपज्जत्तगाणं सुहुमतेउकाइयअपजत्तगाणं सुहुमवाउकाइयअपजत्तगाणं सुहुमवणस्सइकाइयअपज्जत्तगाणं सुहुमनिओयअपज्जत्तगाण य कयरे कयरेहिंतो अप्पा वा ४ ? गोयमा ! सव्वत्थोवा सुहुमतेउकाइया अपजत्तगा, सुहुमपुढविकाइया अपजत्तगा विसेसा हिया, सुहुमआउकाइया अपज्जत्तगा विसेसाहिया, सुहुमवाउकाइया अपजत्तगा विसेसाहिया, सुहुमनिओया अपजत्तगा असंखेजगुणा, सुहुमवणस्सइकाइया अपज्जत्तगा अणंतगुणा, सुहुमा अपजत्तगा विसेसाहिया ॥ १५८ ॥ एएसि णं भंते ! सुहुमपज्जत्तगाणं सुहुमपुढविकाइयपज्जत्तगाणं सुहुमआउकाइयपजत्तगाणं सुहुमतेउकाइयपज्जत्तगाणं सुहुमवाउकाइयपजत्तगाणं सुहुमवणस्सइकाइयपजत्तगाणं सुहुमनिओयपजत्तगाण य कयरे २१ सुत्ता.
SR No.010591
Book TitleSuttagame 02
Original Sutra AuthorN/A
AuthorFulchand Maharaj
PublisherSutragam Prakashan Samiti
Publication Year1954
Total Pages1300
LanguagePrakrit
ClassificationBook_Devnagari, Agam, Canon, agam_aupapatik, agam_rajprashniya, agam_jivajivabhigam, agam_pragyapana, agam_suryapragnapti, agam_chandrapragnapti, agam_jambudwipapragnapti, & agam_ni
File Size93 MB
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