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________________ सुत्तागमे [ उत्तरक्षयणसुत्तं अणंतिया ॥ ४८ ॥ पुढवी साली जवा चेव, हिरण्णं पसुभिस्सह । पडिपुर्णं नाल मेगस्स, इइ विज्जा तवं चरे ॥ ४९ ॥ एयमहं निसामित्ता, हेऊकारणचोइओ । तओ नमिं रायरिसिं, देविंदो इणमब्बवी ॥ ५० ॥ अच्छेरयमब्भुदए, भोए चयि पत्थिवा । असंते कामे पत्थेसि, संकप्पेण विहम्मसि ॥ ५१ ॥ एयमहं निसामित्ता, हेऊकारणचोइओ । तओ नमी रायरिसी, देविंदं इणमब्बवी ॥ ५२ ॥ सलं कामा विसं कामा, कामा आसीविसोवमा । कामे पत्थेमाणा, अकामा जंति दोग्गईं ॥ ५३ ॥ अहे वयइ कोहेणं, माणेणं अहमा गई। माया गईपडिग्घाओ, लोभाओ दुहओ भयं ॥ ५४ ॥ अवउज्झिऊण माहणरूवं, विउव्विऊण इंदत्तं । वंदइ अभिथुतो माहिं महुराहिं वग्गूहिं ॥ ५५ ॥ अहो ते निजिओ कोहो, अहो माणो पराजिओ । अहो ते निरक्किया माया, अहो लोभो वसीकओ ॥ ५६ ॥ अहो ते अज्जवं साहु, अहो ते साहु मद्दवं । अहो ते उत्तमा खंती, अहो ते मुत्ति उत्तमा ॥ ५७ ॥ इहं सि उत्तमो भंते !, पच्छा होहिसि उत्तमो । लोगुत्तमुत्तमं ठाणं, सिद्धिं गच्छसि नीरओ ॥ ५८ ॥ एवं अभित्थुणतो, रायरिसिं उत्तमाए सद्धाए । पयाहिणं करेंतो, पुणो पुणो वंदई सक्को ॥ ५९ ॥ तो वंदिऊण पाए, चक्कंकुसलक्खणे मुणिवरस्स । आगासेणुप्पइओ, ललियचवलकुंडलतिरीडी ॥ ६० ॥ नमी नमेइ अप्पाणं, सक्खं सक्केण चोइओ । चइऊण गेहं च वेदेही, सामण्णे पज्जुवट्ठिओ ॥ ६१ ॥ एवं करेंति संबुद्धा, पंडिया पवियक्खणा । विणियति भोगेसु, जहा से नमी रायरिसि ॥ ६२ ॥ त्ति - बेमि ॥ इति नमपव्वज्जा नामं नवममज्झयणं समत्तं ॥ ९ ॥ ९९० अह दुमपत्तयं णामं दसममज्झयणं दुमपत्तए पंडुयए जहा, निवडइ राइगणाण अचए । एवं मणुयाण जीवियं, समयं गोयम ! मा पमाय ॥ १ ॥ कुसग्गे जह ओसबिंदुए, थोवं चिट्ठइ लंबमाणए । एवं मणुयाण जीवियं, समयं गोयम ! मा पमायए ॥ २ ॥ इइ इत्तरियम्मि आउए जीवियए बहुपचवायए । विहुणाहि रयं पुरे कडं, समयं गोयम ! मा पमायए ॥ ३ ॥ दुलहे खलु माणुसे भवे, चिरकालेण वि सव्वपाणिणं । गाढा य विवाग कम्मुणो, समयं गोयम ! मा पमायए ॥ ४ ॥ पुढविक्कायमइगओ, उक्कोसं जीवो उ संवसे । कालं संखाईयं, समयं गोयम ! मा पमायए ॥ ५ ॥ आउकायमइगओ, उक्कोसं जीवो उ संबसे । कालं संखाईयं, समयं गोयम ! मा पमायए ॥ ६ ॥ उक्कायमइगओ,
SR No.010591
Book TitleSuttagame 02
Original Sutra AuthorN/A
AuthorFulchand Maharaj
PublisherSutragam Prakashan Samiti
Publication Year1954
Total Pages1300
LanguagePrakrit
ClassificationBook_Devnagari, Agam, Canon, agam_aupapatik, agam_rajprashniya, agam_jivajivabhigam, agam_pragyapana, agam_suryapragnapti, agam_chandrapragnapti, agam_jambudwipapragnapti, & agam_ni
File Size93 MB
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