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________________ सुत्तागमे [ भगवई १७, सिय कालगा य नीलए य लोहियए य हालिगा य सुक्तिगे य १८, सिय कालगा य नीलगे य लोहियगे य हालिगा य सुक्किलगाय १९, सिय कालगाय नीलगे य लोहियगा य हालिद्दए य सुक्तिलए य २०, सिय कालगा य नीलगे य लोहियगा य हालिए य सुक्तिलगा य २१, सिय कालगा य नीलगे य लोहियगा य हालिगा य सुलिगे य २२, सिय कालगा य नीलगाय लोहियए य हालिए य मुक्तिक्लए य २३, सिय कालगा य नीलगाय लोहियगे य हालिए य सुक्तिलगाय २४, सिय कालगा य नीलगा य लोहियगे य हालिगा य सुक्किलए य २५, सिय कालगा य नीलगा य लोहियगा य हालिए य सुक्किलए य २६, एए पंचसंजोएणं छव्वीसं भंगा भवंति, एवामेव सपुव्वावरेणं एकगदुयगतियगच उक्क गपंचगसंजोगेहिं दो एकतीसं भंगसया भवंति, गंधा जहा सत्तपएसियस्स, रसा जहा एयस्स चेव `वन्ना, फासा जहा चउप्पएसियस्स | नवपए सियस्स पुच्छा, गोयमा ! सिय एगवन्ने 'जहा अट्ठपएसिए जाव सिय चउफासे प०, जइ एगवन्ने एगवन्नदुवन्नतिवन्नचडवन्ना जहेव अट्ठपएसियस्स, जइ पंचवन्ने सिय कालए य नीलए य लोहियए य हालिद्दए य सुक्तिक्लए य १, सिय कालए य नीलए य लोहियए य हालिद्दए य सुक्तिलगाय २, एवं परिवाडीए एकतीसं भंगा भाणियव्वा जाव सिय कालगा य णीलगाय लोहियगा य हालिगा य सुकिलए य ३१, एवं एक्कगदुयगतियगच उक्कगपंचगसंजोगेहिं दो छत्तीसा भंगसया भवंति, गंधा जहा अट्ठपएसियस्स, रसा जहा एयस्स चेव वन्ना, फासा जहा चउपएसियस्स | दसपएसिए णं भंते! संवे० पुच्छा, गोयमा ! सिय एगवन्ने जहा नवपएसिए जाव सिय चउफासे पन्नत्ते, जइ एगवन्ने एगवन्नदुवन्नतिवन्नचउवन्ना जहेव नवपएसियस्स, पंचवन्नेवि तहेव नवरं वत्ती सइमोवि भंगो भन्नइ, एवमेए एक्कगदुयगतियगच उक्कगपंचगसंजोए दोन्नि सत्तती (सं) सा भंगसया भवंति, गंधा जहा नवपएसियस्स, रसा जहा एयस्स चेव वन्ना, फासा जहा चउप्पएसियस्स । जहा दसपएसिओ एवं संखेज एसिओवि, एवं असंखेजपएसिओवि, हुमपरिणओवि अणतपएसिओवि एवं चेव ॥ ६६७ ॥ वायरपरिणए णं भंते 1 अणतपएसिए खंधे कइवन्ने ? एवं जहा अट्ठारसमसए जाव सिय अट्ठफासे पन्नत्ते, बन्नगंधरसा जहा दसपएसियस्स, जइ चउकासे सव्वे कक्खडे सव्वे गुरुए सव्वे सीए सव्वे निद्धे १, सव्वे कक्खडे सव्वे गुरुए सव्वे सीए सव्वे लुक्खे २, सव्वे कक्खडे सव्वे गुरुए सव्वे उसिणे सव्वे निद्धे ३, सव्वे कक्खडे सव्वे गुरुए सव्वे उसिणे सव्वे लुक्खे ४, सव्वे कक्खडे सव्वे लहुए सव्वे सीए सव्वे णिद्धे ५, सव्वे कक्खडे सव्वे लहुए सव्वे सीए सव्वे लुक्खे ६, सव्वे कक्खडे सव्वे लहुए सव्वे ० १७९८
SR No.010590
Book TitleSuttagame 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorFulchand Maharaj
PublisherSutragam Prakashan Samiti
Publication Year
Total Pages1314
LanguagePrakrit
ClassificationBook_Devnagari, Agam, Canon, agam_acharang, agam_sutrakritang, agam_sthanang, agam_samvayang, agam_bhagwati, agam_gyatadharmkatha, agam_upasakdasha, agam_antkrutdasha, & agam_anutta
File Size89 MB
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