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________________ ७०३ वि० प० स० १४ उ०७] सुत्तागमे पासंति ॥ ५२१ ॥ कविहे गं भंते ! तुल्लए पण्णत्ते ? गोयमा ! छव्विहे तुल्लए पण्णने, तंजहा-व्यतुल्लए, खेत्ततुलए, कालतुहए, भवतुल्हए, भावतुल्लए, संठाणतुल्लए, से केगटेणं भंते ! एवं चुनाइ व्वतुलए २ ? गोयमा ! परमाणुपोग्गले परमाणुपोग्गलस्स दव्वओ तुन्द्र, परमाणुपोग्गले परमाणुपोग्गलवइरित्तस्स दव्वओ णो तुल्ले, दुपएसिए खंधे दुपएसिया बंधस्स व्वओ तुढे, दुपएसिए संधे दुपएसियवइरित्तस्स खंधस्स दव्वओ णो तुडे, एवं जाप दसपएसिए, तुसंखेजपएसिए खंधे तुलसंखेजपएसियस्स गंधस्स दव्यओ तु, तुसंखेनपएतिए खंधे तुम्हसंखेजपएसियवइरित्तस्स खंधस्स दव्वओ णो तुडे, एवं तुलअसंग्वेजपएसिएवि, एवं तुहअणंतपएसिएवि, से तेणटेणं गोयमा! एवं युवइ दन्वतुल्लए । से केगणं भंते ! एवं वुचइ खेत्ततुल्लए २ ? गोयमा । एगपएसोगाः पोग्गले एगपएसोगाटस्स पोग्गलस्स खेत्तओ तुल्ले, एगपएसोगाढे पोन्गले एगपएसोगाइवडरित्तस्स पोग्गलस्न खेत्तओ णो तुल्ले, एव जाव दसपएसोगाटे, तुसंखेजपएसोगाडेवि एवं चंच, एवं तुल्हअसंखेजपएसोगादेवि, से तेणटेणं जाव खेचतुहए । से केगटेणं भंते ! एवं बुचा कालतुल्लए २ ? गोयमा ! एगसमयठिईए पोग्गले एगसमयठिईयस्स पोग्गलस्न कालओ तुल्ले, एगसमयठिईए पोग्गले एगसमयठिई यवइरित्तस्स पोग्गलस्स कालओ णो तुले, एवं जाव दससमयट्टिइए, तुहसंखेनसमयठिईए एवं चेव, एवं तुल्लअसंखेजसमयट्टिईएवि, से तेणटेणं जाव कालतुम्हए। से के गट्टेणं भंते । एवं बुचइ भवतुल्लए २१ गोयमा ! नेरइए नेरइयस्स भवठ्ठयाए तुले, नेरइए नेरझ्यवइरित्तस्स भवठ्ठयाए नो तुले, तिरिक्खजोणिए एवं चेव, एवं मणुस्सेवि, एवं देवेवि, से तेणढेणं जाव भवतुल्लए । से केणतुणं भंते ! एवं वुच्चइ भावतुल्लए भावतुहए ? गोयमा! एगगुणकालए पोग्गले एगगुणकालयस्स पोग्गलस्स भावओ तुले, एगगुणकालए पोग्गले एगगुणकालगवइरित्तस्स पोग्गलस्स भावओ णो तुल्ले, एवं जाव दसगुणकालए, एवं तुलसंखेनगुणकालए पोग्गले, एवं तुल्लअसंखेजगुणकालएवि, एवं तुलअणंतगुणकालएवि, जहा कालए एवं नीलए लोहियए हालिद्दए सुकिल्लए, एवं सुभिगंध, एवं दुन्भिगंधे, एवं तित्ते जाव महुरे, एवं कक्खडे जाव लुक्खे, उदइए भावे उदइयस्स भावस्स भावओ तुल्ले, उदइए भावे उदइयभाववइरित्तस्स भावस्स भावओ नो तुल्ले, एवं उवसमिएवि, खइए० खओवसमिए० पारिणामिए० संनिवाइए भावे संनिवाइयरस भावस्स, से तेणटेणं गोयमा! एवं वुच्चइ भावतुल्लए २ । से केणटेणं भंते । एवं बुच्चइ संठाणतुल्लए २ ? गोयमा ! परिमंडले, संठाणे परिमंडलस्स संठाणस्स संठाणओ तुल्ले, परिमंडलसंठाणे परिमंडलसंठाणवइरित्तस्स संठाणस्स संठाणओ नो तुल्ले, एवं, वट्टे तंसे चउरंसे आयए, समचउरंससंठाणे सम
SR No.010590
Book TitleSuttagame 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorFulchand Maharaj
PublisherSutragam Prakashan Samiti
Publication Year
Total Pages1314
LanguagePrakrit
ClassificationBook_Devnagari, Agam, Canon, agam_acharang, agam_sutrakritang, agam_sthanang, agam_samvayang, agam_bhagwati, agam_gyatadharmkatha, agam_upasakdasha, agam_antkrutdasha, & agam_anutta
File Size89 MB
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