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________________ - १ सु० अ० १ - उ० १] सुत्तागमे णमो त्थु णं. समणस्स भगवओ " णायपुत्त महावीरस्स 43 सूयगडं पढमे सुक्खंधे समयज्झयणे पढमे बुज्झिज त्ति तिरट्टिजा बन्धणं परिजाणिया । किमाह बन्धणं वीरो किंवा जाणं तिउइ ॥ १ ॥ १ ॥ चित्तमन्तमचित्तं वा परिगिज्झ किसामवि । अन्नं वा अणुजााइ एवं दुक्खा न मुचई ॥ २ ॥ २ ॥ सयं तिवायए पाणे अदुवऽन्नेहि वायए । हन्तं वाऽणुजाणा वेरं वढेइ अप्पणो ॥ ३ ॥ ३ ॥ जसि कुले समुप्पन्ने जेहिं वा संवसे नरे । ममाइ लुप्पई वाले अन्ने अन्नेहि मुच्छिए ॥ ४ ॥ ४ ॥ वित्तं सोयरिया चैव सव्वमेयं न ताणइ । संखाऍ जीवियं चेवं कम्मुणा उ तिउट्टइ ॥ ५ ॥ ५ ॥ एए गन्धे विउक्कम्म एगे समणमाहणा । अयाणन्ता विउस्सित्ता सत्ता कामेहि माणवा ॥ ६ ॥ ६ ॥ सन्ति पञ्च महब्भूया इहमेगेसिमाहिया । पुढवी आउ तेऊ वा वाउ आगासपञ्चमा ॥ ७ ॥ ७ ॥ एए पञ्च महन्भूया तेव्भो एगो त्ति आहिया । अह तेसिं विणासेणं विणासो होइ देहिणो ॥ ८ ॥ ८ ॥ जहा य पुढवीथूमे एगे नाणाहि दीसइ । एवं भो कसिणे लोए विन्नू नाणाहि दीसइ ॥ ९ ॥ ९ ॥ एवमेगे त्ति जम्पन्ति मन्दा आरम्भनिस्सिया । एगे किच्चा सयं पावं तिव्वं दुक्खं नियच्छइ ॥१०॥१०॥ पत्तेयं कसिणे आया जे बाला जे य पण्डिया । सन्ति पिच्चा न ते सन्ति नत्थ सत्तोववाइया ॥ ११ ॥ ११ ॥ नत्थि पुण्णे व पावे वा नत्थि लोए इओवरे । सरीरस्स विणासेणं विणासो होइ देहिणो ॥ १२ ॥ १२ ॥ कुव्वं च कारयं चेव सं कुव्वं न विज्जई । एवं अकारओ अप्पा एवं ते उ पगब्भिया ॥ १३ ॥ १.३ ॥ जे ते C + वाइगो एवं लोए तेसिं कओ सिया । तमाओ ते तमं जन्ति मन्दा आरम्भनिस्सिया ॥ १४ ॥ १४ ॥ सन्ति पञ्च महन्भूया इहमेगेसिमाहिया । आयछट्ठा पुणो आ आया लोगे य सास ॥ १५ ॥ १५ ॥ दुहओ न विणस्सन्ति नो य उप्पजए असं । सव्वे वि सव्वहा भावा नियत्तीभावमागया ॥ १६ ॥ १६ ॥ पञ्च खन्धे वयन्तेगे बाला उ खणजोइणो । अन्नो अणन्नो नेवाह हेउयं च अहेउयं ॥१७॥१७॥ पुढवी आउ तेऊ य तहा वाऊ य एगओ । चत्तारि धाउणी रूवं एवमाहंसु आवरे ॥ १८ ॥ १८ ॥ अगारमावसन्ता वि अरण्णा वा वि पव्वया । इमं दरिमणमावन्ना सव्वदुक्खा विमुच्चई ॥१९॥१९॥ ते नावि संधिं नच्चा णं न ते धम्मविऊ जणा । ७अ सुत्ता• S
SR No.010590
Book TitleSuttagame 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorFulchand Maharaj
PublisherSutragam Prakashan Samiti
Publication Year
Total Pages1314
LanguagePrakrit
ClassificationBook_Devnagari, Agam, Canon, agam_acharang, agam_sutrakritang, agam_sthanang, agam_samvayang, agam_bhagwati, agam_gyatadharmkatha, agam_upasakdasha, agam_antkrutdasha, & agam_anutta
File Size89 MB
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