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सुत्तागमे
[ अंतगडदसाओ
करेइ २ तिणि आयंबिलाई करेइ २ चउत्थं० २ चत्तारि० २ चउत्थं० २ पंच० २ चउत्थं० २ छ०२ चउत्थं० २ एवं एकोत्तरियाए वढीए आयंविलाई वहू॑ति चउत्यंतरियाई जाव आयँविलसयं करेइ २ चत्यं करे, तए णं सां महासेणकण्हा अज्जा आयंबिलवमाणं तवोकम्मं चोद्दसहिं वासेहिं तिहि य मासेहिं वीसहि य अहोरत्तेहिं अहासुतं जाव सम्मं कारणं फासेइ जाव आरा - हित्ता जेणेव अजचंदणा अजा तेणेव उवा० २ त्ता (अ० अ० ) वंदइ नमसइ वंदित्ता नमंसित्ता बहूहिं चड़ (त्थेहिं ) त्थ जाव भावेमाणी विहरइ, तए णं सा महासेणकण्हा अजा तेणं उ-रालेणं जाव उवसोभेमाणी चिड, तए णं तीसे म (ह) हासेणकण्हाए अज्जाए अण्णया कयाई पुव्वरत्तावरत्तकाले चिंता जहा खंदयस्स जाव अज्जचंदणं ( आ ) पुच्छर जाव संलेहणा [-] कालं अणवर्कखमाणी विहरइ, तए णं सा महासेणकण्हा अजा अजचंद्णाए अजाए अंतिए सामाइयाई एक्कारस अंगाई अहिजित्ता बहुपडिपुण्णाई सत्तरस वासाईं परियायं पालइत्ता मासियाए संलेहणाए अप्पाणं झू-सित्ता सट्ठि भत्ताई अणसणाए छे. दित्ता जस्सट्ठाए कीरइ जाव तम आराहेइ [आराहित्ता ] चरिमउस्सासणीसासेहिं सिद्धा बुद्धा [0]। अट्ठ य वासा आ ( दी ) ई एक्को (रि) रयाए जाव सत्तरस । एसो खलु परियाओ से जियभजा- नायव्वो ॥ १ ॥ एवं खलु जं (बु) वू ! समणेणं ( भगवया महावीरेणं आ-दिगरेणं) जाव संपत्तेणं अट्ठमस्स अंगस्स अंतगडदसाणं अयमट्ठे पण्णत्ते (०) ॥ अंगं स (सं) मत्तं ॥ २६ ॥ अंतगडदसाणं अंगस्स एगो सुयखंधो अट्ठ-वग्गा अट्ठसु चेव दिवसेसु उद्दि [स्सि ]सिज्जंति, तत्थ पढमविइयवग्गे दस दस उद्देसगा तइयवग्गे तेरस उद्देसगा चउत्थपंचमंवग्गे दस दस उद्देस (या) गा छुट्टवग्गे सोलस उद्देसगा सत्तमवग्गे तेरस उद्देगा अहमवन्गे दस उद्देसंगा सेसं जहा नायाधम्मकहाणं ॥ २७ ॥
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