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________________ चित्रकार भरत emmmmmmmmmmmmmmmmmmmmmmmmmmmmm ३. तृतीय कन्या वसुप्रभा का विवाह दशाएं (दशासन) देश के हेरकच्छपुर (कमैठपुर) के स्वामी सूर्यवंशीय राजा दशरथ के साथ हुआ था। ४ चतुर्थ पुत्री प्रभावती का विवाह कच्छदेश के रोरुकपुर के स्वामी महातुर के साथ किया गया था । ५. पाचवी पुत्री धारिणी का विवाह अगदेश के राजा दधिवाहन के साथ चम्पापुर मे किया गया था। राजा चेटक की शेष दो कन्याए ज्येष्ठा तथा चेलना अभी कुमारी थी। इनमे चेलना अधिक सुन्दर थी। उसके सौन्दर्य की प्रशसा देश-विदेश तक फैल चुकी थी। मगध का महामात्य वर्षकार भी उसको सम्राट विम्बसार के लिये माग चुका था। किन्तु राजा चेटक जैनी था। वह अपनी पुत्री का विवाह बौद्धधर्मावलम्बी बिम्बसार के साथ करने को किसी प्रकार भी तैयार न हुए । भरत जब यहा रहने लगा तो राजा चेटक की दोनो छोटी पुत्रिया भी उसके पास आने जाने लगी । भरत ने उनके भी अनेक चित्र बनाए । एक बार राजा चेटक ने चित्रकार भरत को अपनी पुत्रियो के साथ अट्टहास करते हुए देख लिया । इससे उनके मन मे सदेह हुआ कि ऐसा न हो कि यह प्रेम बढते-बढते अनुचित रूप धारण कर ले । वह भरत की स्वतत्रता पर, अकुश लगाना नही चाहते थे, क्योकि ऐसा करने से यह समाचार नगर की चर्चा का विषय बन जाता। फिर वह अपनी पुत्रियो पर भी पाबदी लगाना नही चाहते थे, क्योकि ऐसा करने पर भी समाचार किसी प्रकार फूट ही निकलता। अतएव उन्होने इस विषय पर मन ही मन विचार करके यह निश्चय किया कि भरत को गुप्त रूप से मरवा दिया जावे। राजा चेटक ने यह निश्चय करके अपने विश्वासी सेवको को यह कार्य दिया कि वह भरत को नगर के बाहर किसी एकान्त स्थान मे ले जाकर उसकी हत्या करदे, किन्तु उन सेवको मे से एक भरत पर अत्यधिक श्रद्धा रखता था । उसने भरत को उसकी आसन्नमृत्यु का समाचार देकर उसे परामर्श दिया कि वह वैशाली से तत्काल भाग जावे । भरत ने जो यह समाचार सुना तो वह अत्यन्त घबरा गया। उसने उद्यान १७३
SR No.010589
Book TitleShrenik Bimbsr
Original Sutra AuthorN/A
AuthorChandrashekhar Shastri
PublisherRigal Book Depo
Publication Year1954
Total Pages288
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size21 MB
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