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________________ श्रेणिक बिम्बसार व्यावहारिक-जी अन्नदाता । यह दोनो उन्हो सेठ सुभद्र दत्त की पत्निया है। सम्राट-इन दोनो मे यह छ. मास का बालक किसका है ? व्यावहारिक-इसी पर तो सारा झगडा है । यह दोनो ही उसे अपनाअपना बत सम्राट-साक्षियो से किसका पक्ष अधिक पुष्ट प्रमाणित होता है ? व्यावहारिक-सेठ सुभद्र दत्त राजगृह मे कुल दो मास से आया था। अतएव जो कुछ साक्षिया मिलती है वह केवल दो मास के अन्दर की है। साक्षियो से यही प्रमाणित होता है कि लडके पर इन दोनो का समान प्यार रहा है । लडके को ऊपरी दूध पिलाया जाता है, इसलिए दूध की साक्षी का तो एक दम अभाव है। दोनो उसे अपने-अपने पेट से उत्पन्न लडका कहती है । देखने वालो का कहना है कि बच्चे पर इन दोनो का समान प्यार था। सम्राट-सेठ सुभद्र दत्त तो राजगृह के एक गाव का ही निवासी था। उसके गाव से कुछ साक्षिया नही मगवाई गई ? _व्यावहारिक गाव से भी साक्षिया मगवाई गई थी देव । किन्तु वह तो और भी असतोषजनक सिद्ध हुई । उनसे केवल इतना ही सिद्ध हुआ कि सेठ सुभद्रदत्त उस गाव का निवासी था और दोनो सेठानिया उसकी परिणीता पत्नियाँ थी। वह इन दोनो को साथ लेकर सार्थवाह के साथ अपना एक निजी पात लेकर सुवर्णद्वीप व्यापार करने गया था और फिर वापस गाव नही गया। संम्राटू-तो इसका यह अर्थ हुआ कि उसके यह बच्चा कही यात्रा मे हुआ और उसने अपनी यात्रा को राजगृह आकर समाप्त किया। व्यावहारिक-ऐसा ही है देव ।” सम्राट--तब तो यह अभियोग बडा पेचीदा है। इसका निर्णय करना कुछ सुगम कार्य नहीं है। फिर सम्राट ने अभयकुमार की ओर देखकर उससे पूछा । "क्यो अभयकुमार ! क्या तुम इस अभियोग का निर्णय कर सकोगे ?" अभयकुमार- अवश्य कर सकू गा, श्रीमान् पिताजी ।
SR No.010589
Book TitleShrenik Bimbsr
Original Sutra AuthorN/A
AuthorChandrashekhar Shastri
PublisherRigal Book Depo
Publication Year1954
Total Pages288
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size21 MB
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