SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 5
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ [ ४ ] क्योंकि ऐसा सुना जाता है कि जब मुसलमान हज करने के लिये अरब और मिश्र में जाते हैं तो वहांके लोग इन्हें भी हिन्दू नाम से ही पुकारते हैं, जिसका कि अर्थ इनकी ही भाषा में गुलाम और काफ़िर है । इस देश की ऐक्यता तथा उन्नति को लक्ष्य में रख कर भारत सरकार का भी कर्तव्य है कि वह इस देश को हिन्दुस्तान तथा इस देश वासियों को हिन्दू न लिखें पढ़ें । उस महर्षि बालब्रह्मचारी दंडी स्वामी दयानन्द सरस्वती का अनेकानेक धन्यवाद है कि जिन्होंने इस देशवासियों के नाम का वास्तविक स्वरूप हमारे सन्मुख प्रकट कर दिया । श्रीमान् पं० भद्रसेनजी आचार्य विरजानन्द वेद विद्यालय अजमेर ने जो अष्टाध्यायी महाभाष्य और योग शास्त्र के विद्वान तथा वेदों और उपनिषदों के बड़े प्रभावशाली व मामिक व्याख्याता हैं, इस पुस्तक में वैदिक धर्मानुयायी सज्जनों को विशेष तौर पर अपने लिये हिन्दू शब्द का प्रयोग कभी न करना चाहिये इस बात को बड़ी उत्तमता से दर्शाया है जिसको पढ़ने " はいどく के पश्चात् श्रयमात्र हिन्दू शब्द तथा हिन्दू प्रणाली के साथ अपना कभी सम्बन्ध नहीं रखेंगे । इति शुभम । श्रीनगर रोड अजमेर फाल्गुन कृष्ण ५ बुद्धवार सं० १९९२ 2 ·2 जालिम सिंह
SR No.010582
Book TitleHum Aarya Hain
Original Sutra AuthorN/A
AuthorBhadrasen Acharya
PublisherJalimsinh Kothari
Publication Year
Total Pages24
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size2 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy