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________________ 159595555555555555555555555959 आचार्य शान्तिसागर छाणी महाराज के मुनि जीवन के प्रारम्भिक वर्ष 20वीं शताब्दी के प्रारम्भ में राजस्थान में आचार्य शान्तिसागरजी छाणी हए जिन्होंने मुनि मार्ग को प्रशस्त करने में सबसे अधिक योगदान दिया। इतिहास के पृष्ठों को जब हम उलटते हैं तो उनमें आचार्यश्री के व्यक्तित्व TE पर स्वर्णिम पृष्ठ लिखे हुए मिलते हैं जिन्हें हम समय के प्रभाव से भुला बैठे - हैं और आज जब हम स्वर्णिम पृष्ठों को पुनः पढ़ने लगते हैं तब हम उनके विशाल व्यक्तित्व के सामने नत मस्तक हो जाते हैं। आचार्य श्री ने 70 वर्ष पूर्व मुनि जीवन को अपना कर, दिगम्बर धर्म की विशेषताओं से, देश एवं 2ी समाज को अवगत कराया तथा सुषुप्त मुनि जीवन को फिर से जागृत किया। __ आचार्यश्री का जन्म, राजस्थान के उदयपुर जिले के छाणी ग्राम में L: कार्तिक वदी 11 संवत 1945 (सन 1888) में हआ। आपके जन्म के समय -- रियासतों का जमाना था। छाणी ग्राम मेवाड़ स्टेट का एक जागीरदारी ग्राम था। ठाकुर सा. का नाम मनुहारसिंह था। छाणी ग्राम में दिगम्बर जैन समाज के 25 घर थे। दो मंदिर थे जिनमें एक गॉव में तथा दूसरा गाँव के बाहर था। दोनों ही मंदिर विशाल एवं मनोज्ञ प्रतिमा से सुशोभित थे। गाँव वाले मंदिर में संभवनाथ स्वामी की तथा गाँव के बाहर वाले मंदिर में महारवीर स्वामी की प्रतिमा है। आचार्य श्री का जन्म नाम केवलदास था जिनके पिता 1 का नाम भागचन्द एवं माता का नाम श्रीमती माणिकबाई था। श्री भागचन्द जी हूंबड जातीय श्रावक थे। सामान्य पढ़े लिख थे तथा धार्मिक संस्कारों से शून्य थे। केवलदास के एक भाई एवं दो बहिने और थीं। बालक केवलदास विशेष शिक्षा प्राप्त नहीं कर सके और अत्यधिक सामान्य शिक्षा से ही सन्तोष करना पड़ा। 15 वर्ष की आयु में ही नौकरी करने लगे। लेकिन विरक्ति के भाव इनमें प्रारम्भ से हीथे जब इन्होंने बीकानेर के अपने बहनोई गाड़िया गुलाबचन्द पानाचन्द से नेमिनाथ के विवाह वर्णन को सुना तो केवलदास में विरक्ति के भाव और भी दृढ़ हो गये। जब वे 29 वर्ष के थे तभी माताजी का स्वर्गवास हो गया। इससे उनके जीवन में प्रशममूर्ति आचार्य शान्तिसागर छाणी स्मृति-ग्रन्थ 184 9 5959595959555555555595
SR No.010579
Book TitlePrashammurti Acharya Shantisagar Chani Smruti Granth
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKapurchand Jain
PublisherMahavir Tier Agencies PVT LTD Khatuali
Publication Year1997
Total Pages595
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationSmruti_Granth
File Size22 MB
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