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________________ 45454545454545745745745454545454545 19. 1997 1940 तालोद 1998 1941 ऋषभदेव 1999 1942 ऋषभदेव 20. 2000 1943 सलुम्बर इस प्रकार संवत् 1980 में आपने भादवा सुदी 14 की मुनि दीक्षा ली। संवत् 1981 से लेकर संवत् 2000 तक आपने देश के विभिन्न नगरों में चातुर्मास किये। इन दो दशकों तक आपने पूरे उत्तर भारत की जैन एवं जैनेतर - समाज को एक नई दिशा प्रदान की और निर्ग्रन्थ मुनि मार्ग को प्रशस्त बनाया। 1 संवत् 2001 में चातुर्मास के पूर्व ही आपका समाधिमरण हो गया। उक्त चातुर्मासों की विशिष्ट घटनाओं का यत्र-तत्र वर्णन मिलता है। आचार्यश्री 3 जनवरी 1940 को सागवाड़ा (राज. में विहार करके पाडवां, नमराडा आदि मार्गों से होकर 14 जनवरी 1940 को पीठ ग्राम पधारे। आपके 4 उपदेशों से 7 भीलों और 4 राजपूतों ने अष्ट मूलगुणों को धारण किया। - श्री तारंगा में जिन पंचकल्याणक प्रतिष्ठा के समय आचार्यश्री शान्तिसागर 51 आदि चतुर्विधसंघ ने मिलकर परम विद्वान मुनिश्री कुन्थुसागरजी को आचार्य पद प्रदान किया। आप इस पद को अपने गुरु चारित्र-चक्रवर्ती आचार्य शान्तिसागरजी दक्षिण की आज्ञा के बिना स्वीकार नहीं करते थे, लेकिन आचार्य शान्तिसागरजी छाणी ने अधिकार पूर्वक कहा कि मैं आपके गुरु को LE यह संदेश पहुंचा दूंगा कि आपकी अनुपस्थिति में आपका कार्य मैंने किया - है। कुन्थुसागरजी रचित ज्ञानामृत का प्रकाशन शुभारंभ आचार्य शान्तिसागरजी 1 छाणी के हस्त से उस मौके पर हुआ। (जैन मित्र 11 मई, 1939) पूज्य आचार्य शान्तिसागरजी छाणी एवं आचार्य कुन्थुसागरजी महाराज अपने अपने संघ सहित एक साथ विराजमान हैं। प्रतिदिन युगल आचार्यों का धर्मोपदेश होता है। अभी ऋषभदेव जन्मोत्सव के समय अनेक श्वेताम्बर साधुओं ने भी दिगम्बराचार्यों से मुलाकात की थी। दिनांक 14 मार्च, को आचार्यश्री शान्तिसागर व मुनि अजितसागर जी महाराज का केशलोंच हुआ। युगल आचार्य विराजने से यहाँ दिगम्बर जैन समाज में खूब उत्साह एवं धर्म प्रभावना हो रही है। (जैन संदेश 26 मार्च, 1942) सा | प्रशममूर्ति आचार्य शान्तिसागर छाणी स्मृति-ग्रन्थ 459467554545454545454545454545455
SR No.010579
Book TitlePrashammurti Acharya Shantisagar Chani Smruti Granth
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKapurchand Jain
PublisherMahavir Tier Agencies PVT LTD Khatuali
Publication Year1997
Total Pages595
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationSmruti_Granth
File Size22 MB
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