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________________ 46247246646546646566SAS 5595959555555555 विषयों पर लिखे गये लेखों का चिन्तन / मनन/अनुपालन हम सभी के जीवन को सुखमय एवं समृद्धिमय बनाने में सफल है। स्मृति ग्रन्थ- प्रकाशन के प्रेरणास्त्रोत उपाध्याय ज्ञानसागर महाराज के आशीर्वाद का ही यह सुफल है कि स्मृति-ग्रन्थ इतना सुन्दर और उपयोगी बन पड़ा है। मौनप्रिय मुनिराज वैराग्यसागर जी महाराज का मौन आशीर्वाद सम्पादक मण्डल को सदैव प्राप्त होता रहा है। सम्पादक मण्डल दोनों के चरण कमलों में पुनः पुनः नमोऽस्तु निवेदन करता है। ब्र. अतुल जी, ब्र बहिनों का समय-समय पर सहयोग मिलता रहा है सभी साधकों के प्रति हम श्रद्धावनत हैं। जिन पूज्य मुनिराजों / आर्यिकाओं/साधकों/विद्वानों/ राजनेताओं/श्रेष्ठि प्रवरों / समाजसेवियों ने अपने आशीर्वाद / आलेख / श्रद्धाञ्जलियाँ / संस्मरण भेजे है उनके प्रति हम कृतज्ञ हैं। ग्रन्थ का प्रकाशन खतौली (मुजफ्फरनगर) उ०प्र० के श्री सलेकचन्द योगेशकुमार जैन की ओर से हो रहा है। हम सभी उनके मंगलमय भविष्य की कामना करते हैं और आशा करते हैं कि उनका जैन साहित्य के प्रति ऐसा ही उत्साह सदैव बना रहेगा। शाहपुर एवं बुढ़ाना समाज के जिन धर्मनिष्ठ युवकों ने सामग्री संचयन में अहर्निश प्रयास करके ग्रन्थ को इस रूप में प्रकाशित करने में अपना अप्रतिम सहयोग दिया है, उनके प्रति सम्पादक - मण्डल आभार व्यक्त करता है। स्मृति ग्रन्थ में जो श्रेष्ठ हैं, वरेण्य हैं, फूल हैं, फल हैं वे सब पूज्य उपाध्याय श्री के प्रेरणा और आप सभी के आशीर्वाद / स्नेह / सहयोग के फल हैं और जो त्रुटि रूपी शूल हैं, वे सब हमारे हैं। आपकी वस्तु आपको सौंपते हुए हम गौरव का अनुभव कर रहे हैं आशा है आप हमारी वस्तु हमें देकर उपकृत करेंगे। खतौली ( उ०प्र०) फॉ प्रशममूर्ति आचार्य शान्तिसागर छाणी स्मृति-ग्रन्थ -डॉ. कपूरचन्द जैन सम्पादक XIII 5555555555555555Y
SR No.010579
Book TitlePrashammurti Acharya Shantisagar Chani Smruti Granth
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKapurchand Jain
PublisherMahavir Tier Agencies PVT LTD Khatuali
Publication Year1997
Total Pages595
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationSmruti_Granth
File Size22 MB
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