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যুমু
अशुद्धम् कार्य
पुटे पङ्क्तौ 77 1 8020 85 .0
स्नात
909 9121 92 11 92 18 95 10
निश्वासे कत्वदि भानो यम वागादे कंचि निश्वासा नान्यथा; स
काय लेति निःश्वासे कत्वादि मानो यम यागादे किंधि निःश्वासा नाम्य(था)स शेषस्सा च वर्त
शेषसा
95 15 1009 109 121 18 1249
चावर्त स्कारि
स्कारि
कार
कारि
'नक
नक पक्षा साक्षिस्व
पक्षो
145 1 14622
शेन
147
151 16 15221 157
स्थान नस्वस्तु गादि षटकनिरासः
साक्षित्व शेन स्य नि नन्वस्तु गमादि षट्केणानिर्वाहा तोनि
रासः आनन्द क्तभाव
157
अनन्द
काभाव
रासः
निरासः
169 170 170 170 170
1 14 18 19
स्थाप दीनामे थान्तरं
अत्याप दानीमे र्थान्तरं मनन्तं
मत
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