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________________ ३५२ (धातुपाठः) वस्क वद वद वन ० लूष वनु ० ० वर्च वण (तु. उ. अ.) १३२ लुबि (भ्वा. प. से ) २७ लुवि (चु. प. से.) १६५७ (दि. प. से.) १२३९ लुभ (तु प. से.) १३०६ সুস্থ (त्या. उ. से.) १४८४ (भ्वा. प. से.) ६७७ (चु. प. से.) १६११ (भ्वा. आ. से.) ३७३ (भ्वा. आ. से.) ७६ (चु. उ. से.) १७७७ (भ्वा. आ. से.) १६४ (चु. उ. से ) १७७० लोड (भ्वा. प. से ) ३५७ लोष्ट (भ्वा. आ. से.) २५८ वक्ष (भ्वा. प. से.) ६६ वकि (भ्वा. आ. से.) वकि (भ्वा. आ. से.) वख . (भ्वा. प. से ) ७. वखि (भ्वा. प. से ) वगि (भ्वा. प. से.) १७ वधि (भ्वा. आ. से.) ११० वच वच (चु. उ. से ) १०४३ वज (भ्वा. प. से.) २५२ वज वट (भ्वा. प. से.) वट (चु. उ. से.) १८५८ वट (चु. उ. से.) १९२० (भ्वा. आ. से.) .. वटि (चु. प. से.) १५८७ वटि (पा.)(चु. उ. से.) १९२० (भ्वा प. से.) ३१ वठि (भ्वा आ. से.) २६२ वडि (भ्वा. आ. से) २७१ वडि (पा.) (चु. प. से.) १५८७ वण (भ्वा. प. से.) ४६ (भ्वा. प. से.) १००९ (चु उ से ) १८४२ वदि (भ्वा आ. से ) ११ वन (भ्वा प से.) ४६१ (भ्वा प. से ) ४६३ वन (भ्वा प से ) ८.३ वनु (पा.) ( भ्वा. प से ) ८.३ (त आ से ) ११ वन्चु (भ्वा. प. से) १८९ वन्चु (च. आ से ) १७०४ (ङ) व (भ्वा उ. से.) १०.३ (म्वा प से ) ५५७ (ट) वम् ( भ्वा प से ) ८९ वय (भ्वा आ से) ७५ वर (च. उ से.) १८५३ (भ्वा. आ से ) १६२ (च प से.) १५५२ (च उ से ) १९३९ वर्ध (चु प से.) १६५५ (भ्वा. आ. से ) ६१३ वह (भ्वा. आ. से.) ६४० वल (भ्वा. प. से.) ४९१ वलि (पा ) (भ्वा. प. से.) ८१६ वल्क (च प. से.) १५७२ वल्क (चु. उ. से.) १७५० वल्ग (श्वा. से.) १४३ वल्म (भ्वा. आ. से) ३९१ (भ्वा. आ. से.) ४९२ (वा. आ. से.) ६१ वश (अ. प. से.) १०८० वष (भ्वा, प. से) ६९१ वस (भ्वा. प अ.) १००५ वस (अ. आ. अ) १०२३ (चु. उ. से.) १७५ वस (चु. उ अ) १९४३ (दि प. से ) १२१५ वस्क (भ्वा. आ से.) १०१ १६१८ ७७९ वल्ल वल्ह वट वठ वस वसु
SR No.010557
Book TitlePaniniyasutra Pathasya
Original Sutra AuthorN/A
AuthorSiddheshwar Shastri
PublisherBhandarkar Prachya Vidya Sanshodhan Mandir
Publication Year1935
Total Pages737
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size54 MB
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