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________________ १६२ २३. 'पच्चीस मिथ्यात्व' का पाठ " १३३ २४ 'चौदह सम्मूच्छिम' का पाठ । १३६ २५. 'श्रमण सूत्र चर्चा २६ 'चत्तारी मंगल' मागलिक का पाठ १५१ २७ 'पगामसिज्जाए' शय्या के अतिचारों का प्रतिक्रमरण पाठ १५३ २८ 'गोयरग्गचरियाएं' गौचरी के अतिचारों का प्रतिक्रमरण पाठ १५८ २६ चाउफ्फाल सज्झायस्स' स्वाध्याय और प्रतिलेखना के अतिचारों का प्रतिक्रमण पाठ ३०. 'तैतीस बोल' विस्तृत प्रतिक्रमण ३१. 'नमोचउवीसाए' 'निर्गन्य प्रवचन' पाठ ३२ पांच पदो की वन्दनाएँ ३३ 'खामेमि सम्वे जीवा' खमाने का पाठ १६९ ३४ पांचवां प्रावश्यक ३५. छठा आवश्यक ३६. दश प्रत्याख्यानो के पृथक्-पृथक् पाठ. . तत्त्व-विभाग १६४ १७५ १८३ २०६ २०८ २१७ । २२६ १ पच्चीस वोल के स्तोक (थोकड़े) के शेष बोल सार्थ • २ ५ समिति ३ गुप्ति का स्तोक (थोकडा) सार्थ " ३. 'तीर्थडर नाम गोत्र उपार्जन के २० बोल' ..." २५१ २७८
SR No.010547
Book TitleSubodh Jain Pathmala Part 02
Original Sutra AuthorN/A
AuthorParasmuni
PublisherSthanakvasi Jain Shikshan Shivir Samiti Jodhpur
Publication Year1964
Total Pages311
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size9 MB
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