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________________ (१२) में इस का उल्लेख पाया जाता, परन्तु सूत्रों में द्रव्य वेद के नाम से कोई भी कहीं नल्लेख नहीं पाया जाता है। अतः षटू खण्डागमसिद्धान्त शाब में द्रव्य वेद का कथन सर्वथा नहीं? ४-टीकाकारों ने जो द्रव्य वेद का निरूपण किया है वह मूल कथन से विरुद्ध है, उन्हों ने भून को है। __ ये चार हेतु प्रधान है जो सम्जद पद के रखने में दिये जाते इन चारों बातों के उत्तर में जो हम षट् खण्डागम शाख के भनेक सूत्रों और धवला के प्रमणों से यह सिद्ध करेंगे कि त सिद्धान्त शाम में और गोमट्टसार में द्रव्य भेद का भी मुख्यता से वर्णन है और भाव वेद के प्रकरण में भावभेद का वर्णन है। उपयुक बातों के उत्तर में हम जो प्रमाण देंगे उन्हे समझने के लिये हम यहां पर पार तालिकाएं देते हैं, उन तालिकाओं (कुंजी) से षट् खण्डागम की कथन पद्धति, प्रकरणगत सम्बन्ध और क्रमबद्ध विवेचन का परिखान पाठकों को अच्छी तरह से जावेगा। पट खण्डागम के रहस्य को समझने के लिये चार तालिकाएं (कुञ्जी) पार वालिकाएं हमने बह रसोकों में बना दी इस
SR No.010545
Book TitleSiddhanta Sutra Samanvaya
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMakkhanlal Shastri, Ramprasad Shastri
PublisherVanshilal Gangaram
Publication Year
Total Pages217
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size8 MB
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