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________________ [१६] श्रियं बुद्धिमनाकुल्यं धर्मप्रीतिविवर्धनं। गृहिधर्मे स्थितिर्भूयात् श्रेयसं मे दिशत्वरम्॥ इत्याशीर्वादः। हवन सामग्री हवनके लिए निम्नलिखित वस्तुओंको अच्छी तरह शोध कर कूट लेना चाहिये। बादामपिस्ताखजूरा मजा वै नारिकेलजा। दुग्धं प्रचुरसर्पिश्च शर्कराद्राक्षयान्विता॥ लवंगकर्पूरसुमिश्रितानां, चूर्ण सुतैलादिसुगन्धजातैः। युक्तं जिनेन्द्रस्य मते प्रशस्तं, होमाहणे द्रव्यकदंबकं वै॥ अर्थात्-- बादाम, पिस्ता, छुहारा, नारियलका खोपरा, दाख, लोंग, कपूर, सफेद चन्दन, लाल चन्दन तथा चिरोंजी, सुगन्धवाला देवदारु, अगर, तगर, बालछड़, पानड़ी, कपूरकचरी, नागरमोथा, छार छबीला इत्यादि सुगन्धित द्रव्योंका चूर्ण तथा धान, तिल, मूंग, उड़द, गेहूँ, जौ, चना इन्हें भी खरलमें कूट कर मिला लेना चाहिये। __इसी में घी तथा बूरा मिला सामग्री ठीक कर लेनी चाहिये तथा आहुतिके लिए अलग बर्तनमें घी रखना चाहिये। घी की आहुतिके लिए काठके चमचे भी होने चाहिये। जितने मंत्र जपे हो उनकी दशांग आहुतियाँ उसी मंत्रकी दी जाती हैं, उनके सिवाय पीठिका आदि मंत्रोंकी आहुतियाँ दी जाती है। इन सब आहुतियोंके अनुसार हवन सामग्री तैयार करनी चाहिये तथा आक, ढाक, आम, पीपल, बड़, सफेद चंदन तथा लाल चंदनकी सूखी छोटी पतली लकड़ियाँ भी रखनी चाहिये।
SR No.010544
Book TitleSiddha Chakra Mandal Vidhan Pooja
Original Sutra AuthorN/A
AuthorSantlal Pandit
PublisherShailesh Dahyabhai Kapadia
Publication Year
Total Pages362
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari, Ritual, & Vidhi
File Size17 MB
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