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________________ .... विषय. प्राणातिपातविरमणव्रतना पांच अतिचार. .... .... २७ द्वितीय स्थूल मृषावादविरमणव्रतवरूपं, अव्य अने नावथी स्वरूप, .... .... .... .... कन्याविकादिक पांच मोटका जूठना स्वरूप, मृषावादविरमणव्रतना पांच अतिचार. तृतीय स्थूल अदत्तादान विरमणव्रतवरूपं. अव्य श्रने नावथी स्वरूपं. .... चार प्रकारनां अदत्तनुं स्वरूप. अदत्तादान विरमणव्रतना पांच अतिचार. चतुर्थ स्थलब्रह्मचर्यव्रतस्वरूपं. अव्य अने नावथी स्वरूप. .... .... परदरागमनविरमणव्रत तथा स्वदारासंतोषव्रतस्वरूपं, ब्रह्मचर्यव्रतना पांच अतिचार. .... .... .... .... Hए पंचम स्थूलपरिग्रहपरिमाणव्रतस्वरूपं अव्य अने नावधीस्वरूप. .. ... .... .. चौद अध्यंतरग्रंथिनां नाम. .... .. नव प्रकारना वाह्य परिग्रहन नेदसहित विस्तारें वर्णन.. नव प्रकारना परिग्रहनी बूट राखवा संबंधि विचार. परिग्रहपरिमाणवतना पांच अतिचार. .... षष्ठ दिशिपरिमाणगुणवतस्वरूपंनिश्चयव्यवहारथी दिशिव्रतनुं स्वरूप. .... दिशिपरिमाणना नेद. .... .... .... .... दिशिपरिमाणव्रतना पांच अतिचार. .... सप्तम नोगोपनोगविरमणनतस्वरूपं, निश्चयव्यवहारथी लोगोपनोगतुं स्वरूप, .... वावीश अनक्ष्य वस्तुनां नाम. .... .... .... E5542424
SR No.010539
Book TitleSamyaktva Mul Bar Vratni Tip
Original Sutra AuthorN/A
AuthorUdyotsagar Gani
PublisherShravak Bhimsinh Manek
Publication Year1897
Total Pages201
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size11 MB
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