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________________ 10 ॥३०६॥ श्री तत्तो खलु नारए चेव ॥ ७९ ॥ अंबड दारुमडे य साईबुद्धे य होइ बोद्धये । भावीतित्थगराणं भावी समवायाङ्ग । णामाइं पुवभवियाई ॥ ८॥ तीर्थंकरोना सूत्र ॥ I पूर्वभवना एएसि णं चउब्बीसाए तित्थगराणं चउव्वीसं पियरो भविस्सति, चउव्वीसं मायरो भवि-ING चोधुं अंग संति, चउव्वीसं पढमसीसा भविस्संति, चउव्वीसं पढमसिस्सणीओ भविस्संति, चउव्वीसं पढम- विगेरे । भिक्खादायगा भविस्सति, चउव्वीसं चेइयरुक्खा भविस्संति ॥ - मूलार्थः-आ चोवीश तीर्थंकरोना पूर्व भव संबंधी चोवीश नाम आ प्रमाणे छे--श्रेणिक १, सुपार्श्व २, उदय ३, पोट्टिल्ल अनगार (साधु ) ४, दृढायु ५, कार्तिक ६, शंख ७, नंद ८, सुनंद ९, शतक १० (७७) देवकी ११, सत्यकि १२, कृष्ण वासुदेव १३, वळदेव १४, रोहिणी १५, सुलसा १६, त्यारपछी रेवती १७ ए नाम जाणवा (७८). त्यार7 पछी सयाल १८ छे, त्यारपछी भयाल १९ जाणवा, कृष्णद्वीपायन २०, त्यारपछी नारद २१, (७९). अंबड २२, दारुमृत २३ अने स्वातिबुद्ध २४ जाणवा. भावी तीर्थकरोना आ पूर्वभवना नाम जाणवा (८०)॥ आ चोवीश तीर्थंकरोना चोवीश पिताओ थशे, चोवीश माताओ थशे, चोवीश प्रथम शिष्यो थशे, चोवीश प्रथम शिष्या का थशे, चोवीश प्रथम भिक्षा आपनारा थशे अने चोवीश चैत्यवृक्षो थशे.॥ (तेना नामो अन्यस्थळेथी जाणी लेवा) ... ॥३०६॥ : ख
SR No.010536
Book TitleAgam 04 Ang 04 Samvayang Sutra Part 04
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJethalal Haribhai
PublisherJain Dharm Prasarak Sabha
Publication Year1939
Total Pages681
LanguageHindi, Prakrit
ClassificationBook_Devnagari, Agam, Canon, & agam_samvayang
File Size44 MB
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