SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 490
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ भी समवायाङ्ग सूत्रं ॥ चो अंग ॥२१७॥ विकल्पो थया. ते ज प्रमाणे अजीव विगेरे आठे पदने विषे ए ज रीते दरेक पदना वीश वीश विकल्पो कहेवा. तेथी तेने नवगुणा करवाथी एक सो ने एंशी क्रियावादीना भेदो थया. तथा 'चउरासीए अकिरियवाईणं ति' - अक्रियावादीना चोराशी भेद छे. आनुं स्वरूप जेम नंदी विगेरे सूत्रमां कयुं छे तेम कहेवुं. विशेष ए के आनी व्याख्यामां पुण्य अने agart वर्जीने सात पदार्थो स्थापन करवा, तेनी नीचे स्व अने पर ए वे पद स्थापवा, तेनी नीचे कालादिंक पांच अने छठ्ठी यच्छा एम छ पदो स्थापवा. तेथी करीने जीव स्वतः कालतः नथी एम एक विकल्प थयो, ए प्रमाणे कुल चोराशी भेद थाय छे. तथा 'सत्तट्ठीए अन्नाणियवाईणं ति ' - अज्ञानवादीना सडसठ भेद पण ते ज प्रमाणे करवा. विशेष ए के - जीवादिक नव पदार्थो अने दशमो पदार्थ उत्पत्ति, आ दशने उपर स्थापवा, तेनी नीचे सत् विगेरे सात पदो स्थापवा. ते आ प्रमाणे - सच, असच्च, सदसत्र, अवाच्यत्व, सदवाच्यत्व, असदवाच्यत्व अने सदसदवाच्यत्व. तेमां कोण जाणे छे के जीवनुं छतापं छे १ ए एक विकल्प थयो, एज प्रमाणे असच - अछतापणुं इत्यादि जाणवुं. ते प्रमाणे आ सात नवक मळीने त्रेसठ भेद थाय छे, अने उत्पत्तिपदने आश्रीने तो पहेला चार ज पदो लेवा. ए रीते सडसठ भेद थाय छे. तथा " बत्तीसार वेणइयवाईणं ति ' - वैनयिकवादीना वत्रीश भेद छे. ते आ प्रमाणे देव, राजा, ज्ञाति, यति, स्थविर (वृद्ध), अधम ( नीच ), माता अने पिता आ आठेनो काय, वाणी, मन अने दानवडे चार प्रकारनो विनय करवो, एवं अंगीकार करनारना मतमां वत्रीश भेद थाय छे. आ प्रमाणे आ चारे वादीओना भेदो मेळववाथी त्रण सो ने त्रेसठ (३६३) भेदो अन्यदर्शनीओना छे. तेथी करीने ' तिन्हं ' इत्यादि सूत्र कयुं छे. तेमनो व्यूह एटले तिरस्कार करीने सूत्रकृतां परिचय | ॥२१७॥
SR No.010536
Book TitleAgam 04 Ang 04 Samvayang Sutra Part 04
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJethalal Haribhai
PublisherJain Dharm Prasarak Sabha
Publication Year1939
Total Pages681
LanguageHindi, Prakrit
ClassificationBook_Devnagari, Agam, Canon, & agam_samvayang
File Size44 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy