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________________ ८६ . *श्री बेच समाजका इतिहास * दिये। पर इसमें से बहुत मारे गये। अब सुल्तान आसई के किले की ओर बढ़ा। आसई उस समय हिन्द वीर चन्दल भोर के अधिकार में था। चन्दल योद्धा था और । उसने कन्नौज के राय से भी युद्ध किया था। इसके किले के चारों ओर जंगल था जिसमें विषैले सर्प रहते थे। ___महमूद गजनवी की इस यात्रासे यह पता चलता है कि मुज और आसई कन्नौजके पूर्व में थे। मुसलमान इतिहासकारों के वर्णन द्वारा इनकी स्थिति का पूर्ण निश्चय नहीं किया जा सकता। ___ जमुना नदीके तटपर बसा हुआ इटावा नगर प्राचीन कालमें व्यापारका केन्द्र था। जब रेल और हवाई जहाजों का प्रचलन नहीं हुआ था तब लोग नौकाओंमें बैठकर नदियोंके सहारे एक स्थानसे दूसरे स्थानकी यात्रा किया करते थे। इस कारण नदियोंके तटपर बसे हुए नगरोंने काफी उन्नति की। इस जिलेके सम्बन्धमें प्राप्त ऐतिहासिक सामग्रीसे पता चलता है कि ब्राह्मणोंका इस जिलेमें हमेशा प्राधान्य रहा है। कनौजिया, लहरिया, संगिहा, सावन, हिन्नारिया
SR No.010527
Book TitleLavechu Digambar Jain Samaj
Original Sutra AuthorN/A
AuthorZammanlal Jain
PublisherSohanlal Jain Calcutta
Publication Year1952
Total Pages483
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size11 MB
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