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________________ नका नाम . ६२९ ५७४ (न) २१ प्राणायाम के तीन भेद ५६२ | ५ शिक्षा प्राप्ति और नम्रता ६०८ २२ मन की चार प्रवृतियां. ५६३, ६ साधुकी प्रात्म साधना ६१० २३ संरंभ, समारंभ, श्रारंभ ५६४ | ७ पालोचना सुनने के अधिकारी ६१२ २४ त्यागी का लक्षण ५६५ |८ आवश्यक की आवश्यकता ६१५ २५ मन का भोग ले प्रत्यावर्तन ५६८ सत्रहवां अध्याय नर्क स्वर्ग निरूपण २६ अानव निरोध के साधन १ नरकों के नाम २७ कमाँ का क्षय ५७२ २ परमाधार्मिक देवता २८ तप की महिमा ५७३ ३ नारकी के कष्टं ६३६ २६ वाह्यान्तर तप ४ देवगति वर्णन ६४४ ३० बाह्य तपों का विवेचन ५७५ ५ ज्योतिषी देव ६४६ ३१ अनशन तप के भेद-प्रभेद ५७५ ६ वैमानिक देव . . ६५० ३२ तपों के नक्शे ५७७ ७ नौ ग्रेवेयक - ६५३ ३३ श्राभ्यन्तर तप ८ देव कहां जन्मते हैं ६६० ३४ इन्द्रियों की परवशता अठारहवां अध्याय-मोक्ष स्वरूप सोलहवां अध्याय-अावश्यक कृत्य । १ विनीत के लक्षण १ कर्म से मुक्ति २ अविनीत के लक्षण ६७० २ समभावी मुनि ६०० ३ विनय का फल ६७६ ३ कष्ट में क्षमा ६०२.४ गुण स्थानों का स्वरूप ६०० ४ सकाम मरण के भेद ६०६ ५ सच्चा सुख । ७०४ ६६४
SR No.010520
Book TitleNirgrantha Pravachan
Original Sutra AuthorN/A
AuthorShobhachad Bharilla
PublisherJainoday Pustak Prakashan Samiti Ratlam
Publication Year
Total Pages787
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size51 MB
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