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________________ 1 ( ए ) बिना कोई सक्का नहीं बन सकता । तिस पर भी जैन मुनि की बात कुछ और ही है । उनके मुख से निकला हुआ एक-एक शब्द और वाक्य नयां- तुला होता है । इस प्रकार की सावधानी के लिए बहुत कुछ परिशीलन और अनुभव करना पड़ता है । मुनिश्री का अध्ययन ऐसा ही विशाल है । आपने जैन सूत्र- साहित्य का अध्ययन तो किया ही है, साथ में दिगम्बर श्वेताम्बर सम्प्रदाय के अन्यान्य ग्रंथों का, वैदिक सम्प्रदाय के वेदों और पुराणों का, यहां तक कि मुस्लिम सम्प्रदाय के कुरान शरीफ हदीस शरीफ, गुलि - स्तां, वोस्तां आदि का भी अध्ययन किया है। इस प्रकार आप स्वसमय और परसमय के अच्छे ज्ञाता हैं और इस कारण विधर्मियों पर भी आपका खूब प्रभाव पड़ता है । साहित्य सेवा प्रायः प्रति दिन व्याख्यान देते हुए भी आपने साहित्य सेवा की ओर काफी ध्यान दिया है | आपकी अनेक रचनाएं प्रकाशित हो चुकी हैं। आप गद्य और पद्य दोनों के लेखक हैं। पद्य में आपने सैकड़ों धार्मिक भक्तिरस के भजन लिखे हैं, जिन्हें भक्त गण भक्ति से झूमते हुए पढ़ते हैं । पद्य ग्रंथों में मुक्तिपथ तीन भाग, आदर्श रामायण, आदर्श महाभारत आदि ग्रंथ प्रसिद्ध है आपकी गद्य रचनाएँ अनेक हैं । उनमें भगवान महावीर का आदर्श जीवन नामक विशाल और उत्कृष्ट ग्रंथ के अतिरिक्त भगवान्, पार्श्वनाथ जम्बू कुमार आदि ग्रंथ भी हैं । निर्ग्रथ - प्रवचन के संग्राहक और अनुवादक भी आप स्वयं ही है । इस प्रकार आपने संसार पर असीम उपकार किया है । भाषण, लेखन, आचरण-संभी आपका आदर्श है । 1 मुनि श्री चौथमलजी महाराज ने संसार के हितार्थ जो प्रयास किया है और कर रहे हैं, वह वास्तव में बहुमूल्य और अनुपम है । उससे जैन मुनियों के सामने एक नया आदर्श उपस्थित होता है । हम आशा करते हैं कि अन्य मुनिराज भी इन का अनुकरण करेंगे । मुनि श्री का परिचय यहां बहुत हीं संक्षेप में दिया गया है । जो पाठक विस्तृत जीवन चरित पढ़कर लाभ उठाना चाहें उन्हें 'आदर्श मुनि' नामक चरित हिन्दी या गुजराती में पढ़ना चाहिए । मुनिश्री के अमित गुणों को हमने यहां लिखने का निष्फल प्रयास किया है, यह सोचकर कि स्वभावतः उदाराशय मुनिराज हमें क्षमा प्रदान करेगें ।. - प्रकाशक
SR No.010520
Book TitleNirgrantha Pravachan
Original Sutra AuthorN/A
AuthorShobhachad Bharilla
PublisherJainoday Pustak Prakashan Samiti Ratlam
Publication Year
Total Pages787
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size51 MB
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