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________________ ३४ ra sat सेठिया जैन सन्माला आई सि । awanva II. २०४ विषय... बोल भाग, पृष्ठ प्रमाण - भागार आठ आय विलकेचा ४१ "भाव ह.. RE: F 5 ११REETTETTE प्रागार श्राठ एकाशन५६७ ३४० आव ह अ६५८प्रद्वार PTE!! :१८ UTT TTHF THE भागाराछा पोरिसि के ४८३ २ ६७ भावह अपृ८५ प्रब द्वा ४ गा २०३ आगारछ: समफित ४५५:२०५८ उपा मसूदभाव हार १ S PU८१०,ध भधि • श्लोमा भागार नौ निन्विाई..६२६.३,१५६ मायू. ई.स.१४ स्वद्रा पच्चक्खाण के - गा EF भागार बारह तथा चार :८०५.४, ३१६, ग्राव ह. भ. १. ११५5:115 कायोत्सर्ग के भोगार'सात एगहाण ५१७२२४७ मावह अ.६पृ.८५३टी ,प्रब द्वा ४ (एक स्थान ) के (017गा० २०४ - भागार दी पोरिसि के ५१६२ २४७ मावन प्रभावित माचाम्लिक(आयंबिलिए)३५६ FIRTआचार पाँच ३३२ ठा ५ ३.२,सू ४३३,५ मा EPSलो ४११४० .. आचार प्रकल्प के पाँचभेद३२५ १३३३ ठा, उ २ स. आचार विनय के चारभेद२३३२१४ दशादा 17. प्राचार समाधि केचारभेद५५३ २ २६४ दश अ६ उ. UPTET आचार सम्पदा ८, ५७४१३३१२६ देशाद ठोस भाचारांग सूत्र का विषय ७७६ ४ ६७ भाचारांग सूत्र के नर्वे ८७३ माची... के चौथेउकी १७गाथाएं
SR No.010515
Book TitleJain Siddhanta Bol Sangraha Part 08
Original Sutra AuthorN/A
AuthorBhairodan Sethiya
PublisherJain Parmarthik Sanstha Bikaner
Publication Year1945
Total Pages403
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & agam_related_other_literature
File Size11 MB
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