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________________ ३२६ 1 श्री मेटिया जैन ग्रन्थमाला बोल भार्ग "पृष्ठ प्रमाख १६० ११४३ र अवि, २३७८ विशे गा.२६७३-२६७७ विशे गा. २००८ - २७१० विपय सामायिक की व्याख्या और उसके भेद सामायिक के चार भेट ४३१२३८ सामायिक के बतीस दोपह७०७ ४३. सामायिक चारित्र ३१५ १३१६ ठाउ शिक्षा 1 ई " सामायिक चारित्र के अन-४४३ २ ४५ ठाउ४३४६टी, ठा.६ 1. वस्थित कल्प छः उ५३ टी सामायिक चारित्र के ४४३ २४५ ठाउ' सू २०६ टी., टा.' उ अवस्थित कल्प चार सामायिक में १२कायादोप७४ २७३ शिक्षा सामायिक में दुसमन दोप७६४ ३ ४४७ शिक्षा सामायिक मंदसवचनदोप७६५ ३४४८ गिना. 20 सामायिक वन १८६ ११४०८३१,१.१५ सामायिकत्रत के५. अतिचार ३०६ १ ३०६ उपाय १, या ६६६ स. ३० टी. 1 साम्यवाद ४६७ २ २१३ सारीपथ्वीधजने के बोल ११७ १ ८२ -- ४२८, मनु सू.१४४. विशे.गा १२६०-१२६७. • ; pr सामायिक वन निश्चय और७६४४२८४ भागम व्यवहार से सामासिकभाव प्रमाणनाम७१६ ३ ४०१ अनु१३०. सामुच्छेदिक दृष्टि नामक ५६१२३५८ २३८६-२०६३ चीन का गत सामुदानिकी क्रिया T · हः ' ठा.३० १६८ त J. T . + "$ २६६ १२८२ ठाउ १६० ३२ 1 ܪ ܐ ܪ t T 7 F ४१६, या. ४१६१४, सूय श्रु.२य. निगा १६व्य
SR No.010515
Book TitleJain Siddhanta Bol Sangraha Part 08
Original Sutra AuthorN/A
AuthorBhairodan Sethiya
PublisherJain Parmarthik Sanstha Bikaner
Publication Year1945
Total Pages403
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & agam_related_other_literature
File Size11 MB
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