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________________ श्री जैन सिद्धान्त घोल संग्रह, पाठवा भाग विषय वोल भाग पृष्ठ प्रमाण सचित्त योनि ६७ १ ४८ | तत्वार्थ अध्या.२सू.३३, ठा ३ सचित्ताचित्त योनि ६७ १ ४८] उ.१ सू.१४० सच्चे त्यागी का स्वरूप ६६४ ७ १८८ बताने वाली दोगाथाएं सतियाँ सोलह ८७५ ५ १८५- ठा.६ उ.३सू.६६ १टी.ज्ञा.अ १६, ३७५ त्रि.ष पर्व १,२,७,८,१०,पचा. १६गा ३१,राज.,चन्दन.,भरत. गा८.१०, भाव ह. सतियों के लिये प्रमाण ८७६ ५ ३७५ भूत शास्त्र सत् असत् पत्तद्रव्यों में ४२४ २६ घागम. सत्ता २५३ १ २३७ कर्म.भा २ मा.१ व्याख्या सत्ताईस कथा औत्पत्तिकी ६४६ ६ २४२ ने सू २७ गा.६२-६५ बुद्धि पर सत्ताईस गाथा मूयगडांग ६४६ ६ २३० सूय. अ.१४ मूत्र के १४वें अध्ययन की 'सत्ताईस गाथा सुयगडांग ६४७ ६ २३६ स्य श्र ५उ १ सूत्रकेपॉचर्येश केउकी सत्ताईस गुण साधु के ६४५ ६ २२८ सम.२७, प्राव ह म. पृ. ६४६, उत्त. ३१गा १८ सत्ताईस नाम आकाश के १४८ ६ २४१ भश २०उ.२८.६६४ सत्ता का स्वरूप , ६४ १४४ तत्त्वार्थ मध्यास २६ सत्ताधिकारकर्मप्रकृतियों ८४७ ५ 88 कर्म भा.२गा. २५-३४ फा गुणस्थानों में सत्तावन भेद संवर के १०१२ ७ २८० नव गा. सत्त्व (जीव का एक नाम) १३० १ १८ टा.सू ४३०,भग २३.१८८८
SR No.010515
Book TitleJain Siddhanta Bol Sangraha Part 08
Original Sutra AuthorN/A
AuthorBhairodan Sethiya
PublisherJain Parmarthik Sanstha Bikaner
Publication Year1945
Total Pages403
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & agam_related_other_literature
File Size11 MB
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