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________________ प्रकाशन का स्थान व समय __ श्री मनसुखभाई पोखाड़, अहमदाबाद (२१) ग्रन्थ को भौर उसका काल हरिभद्रसूरि (छठी शतान्दी) वृत्तिकार-जिनेश्वरसूरि श्रीमद्देवचन्द्रजी महाराज वि १८वीं ११ वीं शताब्दी टीकाकार-शीताकाचार्य ग्रन्थ नाम, भाषा व काल अष्टक प्रकरण, सस्कृत वृत्ति (वि.सं. १०८.) मागमसार,मूल गुजराती, हिन्दी अनुवाद, वि स १७७६ प्राचाराग सूत्र सटीक, मूल प्राकृत टीका संस्कृत वि सं १३३ प्रातुर प्रत्याख्यान प्रकीर्णक, प्राकृत,दस पइपणा में दूसरी पइण्णा भालापपद्धति, सस्कृत श्री अभयदेवसूरि ग्रन्थमाला, बड़ा उपाश्रय बीकानेर,वीर स २४४८ मागमोदय समिति, वीरस २४४२ मागमोदय समिति,वीर स २४५३ श्री देवसेनसरि, वि १०वीं शताब्दी माणिकचद् दिगम्बर जैन ग्रन्थमाला वम्बई, पीर स २४४६ भागमोदय समिति वीर स २४५४ प्रावश्यक सूत्र पूर्वभाग सटीक नियुक्तिकार-भद्रवाहुस्वामी मूल और नियुक्ति-प्राकृत, ( वीर की पहली दूसरी शताब्दी) टीका सस्कृत टीकाकार-मलयगिरि आवश्यक सूत्र पूर्व और उत्तर भाग सटीक नियुक्तिकार-श्रीभद्रबाहुस्वामी मूल और नियुक्ति-प्राकृत, ( वीर की पहली दूसरी शतान्दी) टीका संस्कृत टीकाकार-इरिभद्रसरि ( छठी शताब्दी) भागमोदय समिति धीर स २४४३-२४४४
SR No.010515
Book TitleJain Siddhanta Bol Sangraha Part 08
Original Sutra AuthorN/A
AuthorBhairodan Sethiya
PublisherJain Parmarthik Sanstha Bikaner
Publication Year1945
Total Pages403
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & agam_related_other_literature
File Size11 MB
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