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________________ ११० श्री मेटिगा लेन अन्यमाना ३ पन १.०३ F विपय बोल भाग पृष्ट प्रमाण नाम पर्म की४२ प्रकृनियाँहह ७ १४६ पग-५२३३.२ र २१ नामकर्म के बन्ध के कारण५६० ३ ७८ भाग ८ उ १ र ३५१ नामकर्म-शुभ और अशुभ ५६० ३ ७८ पा०प २३ स २६२ का १४ प्रकारका अनुभाव नामकर्म-शुभचौदहप्रकारच३८ ५ ३३ से भोगा जाता है नाम११ भ० महावीर के ७७० ४ ३ जनविद्या बोल्युम १ न. १ नाम दस प्रकार का ७१६ ३ ३६५ ानु म १३. नाम नरकों के ५६. २३१५नी प्रनि.३,परदा १७०गा १०० नाम निक्षेप २०६ १ १८७ अनुप १४०.न्यायन प्रया. नाम सत्य ६९८ ३३६६ टाion ११,न.१.११॥ १५.मनितो. ८ १५.११ नाम सत्रह माया के c. ५ ३८५ सम. ५२ नाम से नाम ७१६ ३ ३६८ अनुग १३" नामानुपूर्वी ७१७ ३ ३६० मनु ग.३१ नामानुयोग ५२६ २ २६२ गिग गा ५१८१-१९ नामार्य ७८५ ४ २६६ ३१ निगा ३२६३ नारकी की गागति ५६०२३२७ प्रय डा. १८२गा १०३.1-2 नारकीदम प्रकारसमय७४७ ३ ४२४ 21 103,22 23 पं. अन्तर पादि की अपेक्षा नारकी जीवों कापायुवन्ध५६०२३४१ भाग ३. 3. १० नारफी जीवों काआहार ५६० २ ३४० भाग १८3,236 नारकी जीवों का गन्य ५६० २ ३३६ मा पनि ३ ग." नारकी जीवों का वर्ण ५६. २ ३३६ जी. १५
SR No.010515
Book TitleJain Siddhanta Bol Sangraha Part 08
Original Sutra AuthorN/A
AuthorBhairodan Sethiya
PublisherJain Parmarthik Sanstha Bikaner
Publication Year1945
Total Pages403
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & agam_related_other_literature
File Size11 MB
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