SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 217
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ श्री जैन सिद्धान्त चोल संग्रह, पाठवा भाग विषय बोल भाग पृष्ठ प्रमाण दृष्टान्त कमलामेलाकाभाव७८० ४ २५० श्राव ह नि.गा १३४ पृ.६४, अननुयोग तथा अनुयोगपर पीठिका नि गा १७२ दृष्टान्त कुब्जा का क्षेत्र अन-८० ४ २३६ श्राव ह नि गा १३३ पृ.८८, नुयोग तथा अनुयोग पर . वृ पीटिका नि गा.१७१ दृष्टान्त कोकणदारक का ७८० ४ २४८ प्राव. ह नि गा.१३४ पृ.६२, भाव अननुयोग,अनुयोगपर . पीठिका नि गा.१७२ - दृष्टान्त गाय,बछड़े का द्रव्य ७८० ४ २३६ प्राव ह नि. गा.१३३ पृ८८, अननुयोग तथा अनुयोगपर वृ पीठिका निगा १७१ ।। दृष्टान्त ग्रामेयक का वचन ७८० ४ २४२ पाप ह नि गा ११३ पृe, अननुयोग तथा अनुयोगपर - वृ पीठिका नि गा १७१ दृष्टान्त तेरह सम्यक्त्व के ८२१ ४ ४२२ नवपद वा ७ सम्यक्त्वाधिकार दृष्टान्त दस मनुप्य भव की६८० ३ २७१ उत्तभ्र ३नि गा १६०,प्राव ह दुर्लभता के निगा ८३२ पृ ३४० दृष्टान्त नकुल का भाव अन ७८० ४ २४६ भाव.ह नि गा १३४ पृ.६३, नुयोग तथा अनुयोग पर . वृपीटिका नि.गा १७२ .. दृष्टान्तवधिरोल्लापकावचन७८० ४ २४१ भाव ह नि गा १३३ पृ.८६, अननुयोग तथा अनुयोगपर वृ पीठिका नि गा १७१ दृष्टान्त वारह अननुयोग ७८० ४ २३८ प्राव ह.नि गा.१३३,१३४, तथा अनयोग पर पीटिकानि.गा १७१-१७२ दृष्टान्त१२कम्मियावुद्धिक७६२ ४ २७६ न सू.२७ प्राव ह नि गा६४७ दृष्टान्त शम्ब के साहस का७८० ४ २५२ प्राव ह निगा १३३५९४, भावअननुयोगअनुयोगपर पीठिका नि.गा १७२ ।। . दृष्टान्तश्रावकमायोकाभाव७८० ४ २४५ प्राव ह नि गा १३४ पृ.६१, मननयोगतथा अनुयोगपर वृपीटिका नि गा १७२
SR No.010515
Book TitleJain Siddhanta Bol Sangraha Part 08
Original Sutra AuthorN/A
AuthorBhairodan Sethiya
PublisherJain Parmarthik Sanstha Bikaner
Publication Year1945
Total Pages403
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & agam_related_other_literature
File Size11 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy