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________________ १५० श्री मेडिया जैन नायमाला .nAAAA विश्य घोल भाग पृष्ठ प्रमाण तीन भेद करण के ७८ १ ५५ यागम.,श्राव.म गा १०६-१० टी,दिशे गा १२.२.१२१८, प्रब द्वा २०४ गा १३.टी. कर्म मा • गा • व्याख्या तीन भेद करण के १४ १ ६७ टा३ उ १ मू १२४ तीन भेद गाम्ब के १८ १७० ठा 3 ३.८ सू २१५ तीन भेद गुणवत के १२८(क)१ ६१ प्रावह अपृ ८२६.८२६ तीन भेद गुटि के १२८(रव)१ १२ उत्तय २४, टा: स १२६ तीन भद जन्म के ६६ १४६ तत्वार्य अत्र्या . मृ ३२ तीन भंद जीव के ६६ १५० गराउ ३२२३७ तीन भेद तत्त्व के ६३ १ ४४ यो प्रका श्लो ४-११,ध मा ली.२१.२२री १.३१ तीन भेद दण्ड के १६ १६० मन ३, याचा ६.१ ४३.१ सू.१२६टी दा ३३ १२ १३ तीन भेद दर्शन के ७७ १ ५५ टा. म १८४ भाग ८. तीन भेद दवोंकी द्धि के १००१ ७. टा. ६ ३०५ मृ० २५० तीन भेद द्रव्यानुपूर्वी के ११९ १ ८४ नु म ६५.६८ टी. तीन भेद धर्म के ७६ १ ५४ ठा: 1८८,२७ तीन भेद पल्यापम के १०८ १ ७५ मनु ११८-१४०,. 11 गा101510२६ तीन गेदभाव इन्द्र के १२१६६ टा० ३ ० १ ० तीन भेद मनुष्य के ७१ १ ५१ वा ३.१८. ११०,५ प १५ जी प्रति 2.१०७ तीन मंद मोक्षमार्ग ७१ ५७ उन.स २८ गा.३०, मा तीन भेद योग के ६५ १६८ ११.४ .भामा
SR No.010515
Book TitleJain Siddhanta Bol Sangraha Part 08
Original Sutra AuthorN/A
AuthorBhairodan Sethiya
PublisherJain Parmarthik Sanstha Bikaner
Publication Year1945
Total Pages403
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & agam_related_other_literature
File Size11 MB
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