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________________ श्री जैन सिद्धान्त बोल संग्रह, आठवा भाग बोल भाग पृष्ठ विषय गाथा नौ अनासक्ति पर ६६४ ७ २०५ गाथा नौ कठोर वचन पर ६६४ ७ २१४ गाथाहनमस्कारमहिमा पर६६४ ७ १५३ गाथा नौ मृगचर्या पर ६६४७१८६ गाथा नौशल्य पर ६६४ ७ २४४ गाथा पचीस नरकविभक्ति ६४१ ६ २१६ सूय श्रु १ अ ४ उ २ अध्ययन के दूसरे उद्देशे की गाथा पन्द्रह अनाथता की ८५४५ १३० ८५३ ५ १२७ गाथा १५ पूज्यता पर गाथा १५ महानिर्ग्रथीय ८५४५१३० अध्ययन की गाथा पन्द्रह मोक्ष मार्ग पर ६६४७१६४ ममाण गाथा ३२बहुश्रुतपूजा ० की६७३७ ५१ गाथा बत्तीस वैतालीय ६७४७५६ अध्ययन के दूसरे उ० की १०५ गाथा पन्द्रह विनयसमाधि ८५३ ५ १२७ दश अ ६ उ ३ अध्ययन के तीसरे उद्देशेकी गाथा पाँच अचौर्य पर ६६४ ७ १७६ गाथा५कर्मो की सफलतापर६६४ ७ २१६ गाथा रात्रिभोजन त्याग की६६४७१८४ गाथा ४५ यज्ञीयाध्ययन की६ ७२५४ उत्तम. २५ गाथा बत्तीस अकाम मर-६७२ ७ ४६ णीय अध्ययन की उत्तम ५ उत्त अ २० मा ३८-५२ दश प्र. ६ उ ३ उत्तम २० मा ३८-४२ उत्त ग्र ११ सूर्य उ २ • गाथा बारह जैन साधु के ७८ १ ४ २५५ उत्तम २१ गा १३-२४ लिए मार्ग प्रदर्शक
SR No.010515
Book TitleJain Siddhanta Bol Sangraha Part 08
Original Sutra AuthorN/A
AuthorBhairodan Sethiya
PublisherJain Parmarthik Sanstha Bikaner
Publication Year1945
Total Pages403
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & agam_related_other_literature
File Size11 MB
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