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________________ श्री संटिया जैन प्रन्थमाला विषय वोल भाग पृष्ट प्रमाण गणपग्मेडिनस्वामी का बन्ध७७५४४४ विगे. गा १८०२-१८६ मातविषयक शंकासमाधान गणधरमेनार्यस्वामी का पर-७७५४ ५४ विशे गा,१६४६-१७) लोकविषयक शंकासमाधान गणधर मायेपुत्र कादेवों के७७५ ४ ५० विशे गा १८१८-१८८४ विषय में शका समाधान गणधरलब्धि y६२१३ प्रवद्वा २७० गा.१४६३ गणधर वाद संक्षेप में ७७५ ४ २३ विशे. गा. १४४६-२०२४ गणधर वायुभूति का जीव ७७५ ४ ३४ विशे गा १६४५-१६८९ और शरीर के भेदाभेद विषयक शंकासमाधान गणधव्यक्तस्वामीकापृथ्वी ७७५ ४ ३६ विशे गा.१६८७ १७६६ आदि भूतों के अस्तित्व विषय में शंका समाधान गणधरसंख्या तीर्थों की७७५४ २३ भाव ह.नि गा२६. २६६ गणधरसधास्वामीके'यहॉ७७५४४० विशेगा.१७४०-१८०१ जो जैसा है परभव में वह वैसा ही रहता है, मत का समाधान गण धर्म ६६२ ३ ३६१ टा०१. उ० ३१. ७.. गणनाअनन्तक ४१७ १४४१ टा० ५ 3.३ १. ८ गणनानुपूर्वी ७१७ ३ ३६१ भगु सू• ७१ गणनासंख्या के तीन भेद ६११३ १४३ अनु० ० १४६६ गण भगवान महावीर के ६२५ ३ १७१ ठा० ३० म.६८. गणापक्रमण सान ५१५ २ २४४ टा. 30 . ' tu
SR No.010515
Book TitleJain Siddhanta Bol Sangraha Part 08
Original Sutra AuthorN/A
AuthorBhairodan Sethiya
PublisherJain Parmarthik Sanstha Bikaner
Publication Year1945
Total Pages403
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & agam_related_other_literature
File Size11 MB
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