SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 129
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ श्री जैन सिद्धान्त बोल संग्रह,पाठवा भाग विषय बोल भाग पृष्ठ प्रमाण फम्मिया (अभ्यास से २०१ १ १५६ नमू. २६,१.४८.४ सू ३६४ उत्पन्न) बुद्धि कम्मिया बुद्धि के बारह ७६२ ४ २७६ नसू २७ गा.६७.६८,प्राव ह दृष्टान्त नि गा. ६४७ करण आठ ५६२३६४ कम्म गा २ करण की व्याख्या और ७८ १ ५५ भाव म.गा १०६-१०७ टी उसके भेद विशेगा.१२०२ से १२१८, प्रवद्वा. २२४ गा १३.२टी, कर्म भा २ गा. २, यागम. करण के तीन भेद १४ १६७ ठा ३ उ । सू १२४ करणसप्तति के ६३७ ६ २१६ प्रब द्वा ६६-६७ना.५५२-५६६, सत्तर बोल ध अधि, लो. ४७पृ.१३० करणानुयोग ७१८ ३ ३६३ टा. १० उ ३ सू ७२५ करिष्यति दान ७६८ ३४५२ टा १० उ ३ मृ ५४५ करुण रस ६३६ ३ २१० अनु सू १२६ गा ७८-७६ करुणा भावना २४६ १ २२७ भावना. (परिशिष्ट), क भा.२ लो ८६.४०, च, कर्म अन्तराय के भेद, ५६० ३ ८१ अनुभाव और वन्ध तत्वार्थ अध्या ८, कर्म भा के कारण गा ५२, भश ८ उसू.३५ कर्म आठ ५६० ३ ४३ शिं.गा १६०६.१६४४ नत्वा अध्या,कर्म भा १, ETE सृ.३५१,मग 13 ८,उत्त प्र.३: प०१२३, दश्य लोन 10 पाप २.२६४,
SR No.010515
Book TitleJain Siddhanta Bol Sangraha Part 08
Original Sutra AuthorN/A
AuthorBhairodan Sethiya
PublisherJain Parmarthik Sanstha Bikaner
Publication Year1945
Total Pages403
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & agam_related_other_literature
File Size11 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy