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________________ श्री जैन सिद्धान्त बोल संग्रह,पाठवा भाग ७९ विषय वोल भाग पृष्ठ प्रमाण कथा सती शिवा की ८७५ ५ ३४६ प्राव ह नि गा १२८४,भरत. पा.१० कथा सती सीता की ८७५ ५ ३२१ त्रि ष पर्व ७ कथा सती सुन्दरी की ८७५ ५ १६० श्राव ह नि गा १६६,३४८, विष पर्व १,२ कथा सती सुभद्रा की ८७५ ५ ३४० दश श्र १ नि गा७३-७४, भरत गा.८ कथा सती सुलसा की ८७५ ५ ३१३ श्राव ह नि गा. १२८४, भरत गाठा सू.६६ टी कथा२७औत्पत्तिकीवुद्धिकी६४६ ६ २४२ न सू. २७ गा ६२-६४ टी. कथा सयडाल की पर- ८२१ ४ ४६१ नवपद. गा १८ टी. पापड दोप पर सम्यक्त्वाधिकार कथा साप्तपदिक व्रत की ७८० ४ २४६ भाव ह नि गा १३४, भाव अननुयोग पर वृनि गा. १७२ पीठिका फथा सुसुमा,चिलातीपुत्रकीह००५ ४७० मा अ. १८ कथा सजातकुमार की ६१० ६ ५८ वि य १३ कथा सुन्दरीनन्द की ६१५ ६ १०५ भाव ह. नि गा ६.५०,न. पारिणामिकी बुद्धि पर सू. २७ गा ७३ कथा सुबाहुकुमार की १० ६ ५३ वि. ध ११ कथा सुबुद्धि मंत्री और १०० ५ ४५८ ज्ञा. ग्र १२ जितशत्र राजा की कथा सुवासव कुमार की ६१० ६ ५० विम १४ कथाठ संठ(काल) की ६१५ ६ ७८ । न सू. २७ गा ७२, पारिणामिकी बुद्धि पर भाव ह नि गा ४६
SR No.010515
Book TitleJain Siddhanta Bol Sangraha Part 08
Original Sutra AuthorN/A
AuthorBhairodan Sethiya
PublisherJain Parmarthik Sanstha Bikaner
Publication Year1945
Total Pages403
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & agam_related_other_literature
File Size11 MB
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